#SarkarOnIBC24 : मणिपुर के बहाने भागवत ने दिखाया ‘आईना’! क्या वाकई अब भाजपा को नहीं है RSS की जरूरत?
मणिपुर के बहाने भागवत ने दिखाया 'आईना'! On the pretext of Manipur, Bhagwat showed the 'mirror', Read full News
रायपुरः लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भले ही देश में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन गई, लेकिन उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन से कई सवालों खड़े हो गए हैं। ऐसे ही सवालों और चर्चाओं के बीच RSS प्रमुख मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के तरीकों और नेताओं के रवैये पर ना सिर्फ निशाना साधा है बल्कि कई सियासी संदेश भी दिए। ये संदेश मोदी के लिए भी हैं और विपक्ष के लिए भी है। भागवत ने चुनाव कैंपेन, मणिपुर में अशांति और सियासी मर्यादाओं के साथ ही नेताओं के अहंकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सवाल ये कि संघ प्रमुख ने श्रेय लेने की सियासत का जिक्र क्यों किया? क्या मणिपुर हिंसा के मामले में केंद्र सरकार के रवैये से नाखुश है RSS? और क्या मोदी के वनमैन शो से भी नाराज है संघ?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के एक कार्यक्रम के दौरान कई सियासी संदेश दिए हैं। भागवत ने लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के रवैये पर कई बड़ी बातें कही हैं। भागवत ने दो टूक कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हमला किया इससे दरारें बढ़ेंगी। वहीं भागवत ने किसी का नाम नहीं लेते हुए कहा कि जो मर्यादा का पालन करे, अहंकार न करे वहीं सच्चा सेवक है।
RSS के सर संघचालक मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताई है। भागवत ने चिंता भरे अंदाज में पूछा कि मणिपुर एक साल से जल रहा है, उस पर ध्यान कौन देगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब लोकसभा चुनाव में भाजपा को आशा के मुताबिक परिणाम नहीं मिले.. वहीं बीजेपी के चुनाव अभियान के प्रति भी आरएसएस इस बार उदासीन नजर आया, जानकार इसके पीछे चुनाव के दौरान पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टिप्पणी से नाराजगी को कारण बताते हैं। दरअसल इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में जेपी नड्डा ने आरएसएस को एक “वैचारिक मोर्चा” बताया था। नड्डा ने कहा था कि ‘शुरू में हम अक्षम होंगे, थोड़ा कम होंगे। तब RSS की जरूरत पड़ती थी। आज हम बढ़ गए हैं और सक्षम हैं तो BJP अपने आप को चलाती है। यही अंतर है।’ अब भाजपा के नेता भागवत के बयान पर बोलने से बच रहे हैं।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी को आईना दिखाया तो विपक्षी दलों को भी बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने मोहन भागवत के बहाने बीजेपी पर हमला बोला है। ठीक एक दिन पहले मणिपुर के सीएम के काफिले पर हमले की खबर मिली थी और अब वहां के हालात पर संघ प्रमुख ने बयान देकर एक तरह से अपनी ही पार्टी पर प्रहार किया है। वहीं चुनावी परिदृश्य पर भी भागवत ने सियासी संदेश देकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या चुनाव में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन से संघ नाराज है, या जैसा नड्डा ने कहा था, क्या वाकई अब भाजपा को RSS की जरूरत नहीं है?

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