भोपाल, 26 मार्च (भाषा) भोपाल की ढाई वर्षीय सिद्धि मिश्रा समुद्र तल से 17,598 फुट की ऊंचाई पर स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप के ट्रेक को पूरा करने वाले सबसे कम उम्र के बच्चों में से एक बन गई है।
मंगलवार को एक निजी ट्रैकिंग कंपनी की ओर से जारी बयान में इसकी पुष्टि की गई।
अपनी मां भावना डेहरिया और पिता महिम मिश्रा के साथ सिद्धि ने 22 मार्च को एवरेस्ट बेस कैंप (ईबीसी) की चुनौतीपूर्ण यात्रा पूरी की। भावना ने भी 2019 में दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई की थी।
‘एक्सपीडिशन हिमालय’ के प्रबंध निदेशक नबीन ट्रिटल ने बताया कि यह परिवार 12 मार्च को लुक्ला से यात्रा पर निकला था और उन्होंने दस दिन बाद अपना लक्ष्य पूरा कर लिया। एवर्स्ट के उत्तरपूर्वी छोर पर स्थित लुक्ला से यह यात्रा लगभग 53 किलोमीटर है।
इस उपलब्धि पर जारी बयान में सिद्धि को ‘एक्सपीडिशन हिमालय’ के साथ एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक को पूरा करने वाली सबसे कम उम्र के बच्ची के रूप में दिखाया गया।
मूलरूप से मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की रहने वाली भावना ने अपनी बेटी की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ईबीसी तक पहुंचना आसान काम नहीं है।
ईबीसी से काठमांडू पहुंचने के बाद भावना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर जानकारी दी और कहा, ‘‘ एवरेस्ट बेस कैंप उतना आसान नहीं है जितना लगता है, लेकिन गिन्नी (सिद्धि) ने इसे वास्तव में अच्छी तरह से प्रबंधित किया और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बावजूद गंतव्य तक पहुंचने के लिए पूरा जुनून दिखाया।’’
भावना ने सिद्धि की उपलब्धि को मध्य प्रदेश सरकार के ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के साथ जोड़ा। सिद्धि ने खुद ईबीसी ‘लैंडमार्क’ के सामने राष्ट्रीय ध्वज लहराया।
सिद्धि की उपलब्धि असाधारण है, छोटे बच्चों के एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने के उदाहरण ज्यादा दिखने को नहीं मिलते हैं।
भाषा दिमो खारी
खारी
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