पिता बनने या युवा खिलाड़ियों के आने से जीत की भूख कम नहीं हुई है: कार्लसन

पिता बनने या युवा खिलाड़ियों के आने से जीत की भूख कम नहीं हुई है: कार्लसन

पिता बनने या युवा खिलाड़ियों के आने से जीत की भूख कम नहीं हुई है: कार्लसन
Modified Date: December 25, 2025 / 09:48 pm IST
Published Date: December 25, 2025 9:48 pm IST

दोहा, 25 दिसंबर (भाषा) शतरंज के बादशाह मैग्नस कार्लसन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह यहां शुक्रवार से शुरू होने वाले फिडे विश्व रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप जीतने आए हैं तथा पिता बनने या युवा खिलाड़ियों के आने से सफलता हासिल करने की उनकी भूख कम नहीं हुई है।

कार्लसन इस साल भी शतरंज के निर्विवाद बादशाह बने रहे। वह सत्र की इस अंतिम प्रतियोगिता में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे। उन्होंने अब तक पांच रैपिड और आठ ब्लिट्ज खिताब जीते हैं।

नॉर्वे के इस खिलाड़ी ने क्लासिकल प्रारूप में विश्व चैंपियन भारतीय खिलाड़ी डी गुकेश के साथ मंच साझा करते हुए कहा, ‘‘ पति और पिता होने का अहसास शानदार है। यह इस साल एक शानदार अनुभव रहा है। जहां तक शतरंज का सवाल है तो इस मामले में न तो मेरा बेटा और न ही मेरी पत्नी मेरी ज्यादा मदद कर पाते हैं। इसलिए पिता बनने के बाद ज्यादा कुछ नहीं बदला है। मैं हमेशा की तरह यहां जीतने के लिए आया हूं। इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।’’

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गुकेश नॉर्वे के खिलाड़ी के संभावित भावी प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरे हैं। उन्होंने इस साल नॉर्वे शतरंज में कार्लसन को हराकर खलबली मचा दी थी।

कार्लसन से जब पूछा गया कि क्या वह अब भी भारतीय खिलाड़ी को युवा मानते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि जब उनका जन्म हुआ था तब मैं कम से कम दुनिया के शीर्ष 50 खिलाड़ियों में से एक था, इसलिए मेरा जवाब हां है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘युवा खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना हमेशा बहुत दिलचस्प होता है क्योंकि कई स्थापित शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना रोमांचक तो होता है, लेकिन साथ ही साथ कुछ हद तक जाना-पहचाना माहौल भी होता है। इसलिए जब मैं कुछ युवा खिलाड़ियों के खिलाफ कुछ महीनों से नहीं खेला होता, तो मुझे ठीक से पता नहीं होता कि वे कितनी चुनौती पेश कर सकते हैं।’’

भाषा

पंत

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