एआईएफएफ महासचिव नियुक्ति में भूटिया ने लगाया ‘सौदेबाजी’ का आरोप, प्रभाकरन ने किया खारिज

एआईएफएफ महासचिव नियुक्ति में भूटिया ने लगाया ‘सौदेबाजी’ का आरोप, प्रभाकरन ने किया खारिज

एआईएफएफ महासचिव नियुक्ति में भूटिया ने लगाया ‘सौदेबाजी’ का आरोप, प्रभाकरन ने किया खारिज
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: September 17, 2022 5:31 pm IST

नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष चुनाव में बड़े अंतर से शिकस्त झेलने वाले भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने शाजी प्रभाकरन के महासचिव के रूप में नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘किसी मतदाता को वेतनभोगी पद पर नियुक्त करना गलत मिसाल कायम करेगा।’

प्रभाकरन ‘फुटबॉल दिल्ली’ के प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचक मंडल में थे। जिन्हें अध्यक्ष चुनाव के  बाद एआईएफएफ महासचिव बनाया गया था। उनके महासचिव नियुक्त होने से पहले दो सितंबर को हुए अध्यक्ष चुनाव में पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे ने भूटिया को 33-1 से हराया था।

भूटिया ने एआईएफएफ से उनके द्वारा उठाए गए प्रभाकरन की नियुक्ति के इस मुद्दे को सोमवार को कोलकाता में होने वाली कार्यकारी समिति की बैठक के एजेंडे में शामिल करने का अनुरोध किया है।

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एआईएफएफ महासचिव के रूप में कार्यभार संभालने से एक दिन पहले प्रभाकरन ने छह सितंबर को फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

भूटिया ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान मतदाता रहे किसी को बाद में महासंघ में वेतनभोगी पद पर नियुक्त करना ‘सौदेबाजी’ की तरह है।

भूटिया ने शनिवार को कहा, ‘‘ वह (प्रभाकरन) एक मतदाता थे और एक संघ (फुटबॉल दिल्ली) के अध्यक्ष थे, उन्हें वेतनभोगी पद पर नियुक्त करना एक गलत मिसाल कायम करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर उन्हें किसी मानद पद पर नियुक्त किया जाता तो मुझे कोई समस्या नहीं होती। अगली बार भी मतदाता चुनाव के बाद वेतनभोगी पद के लिए सौदेबाजी करेगा।’’

खिलाड़ी के तौर पर लंबे समय तक भारतीय फुटबॉल के ‘पोस्टर ब्वॉय’ रहे भूटिया ने 2011 में संन्यास लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘ अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी राज्य संघ का अध्यक्ष और मतदाता वेतनभोगी पद पर नियुक्त हुआ हो।’’

प्रभाकरन ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा, ‘‘  मैंने अच्छी नीयत से भारतीय फुटबॉल की सेवा करने के मकसद से इस पद को स्वीकार किया। इसमें कोई लेन-देन नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भूटिया कार्यकारी समिति के सदस्य हैं और वह मामलों को उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। जब वह बैठक (सोमवार को)  के दौरान इस मुद्दे को उठाते हैं, तो मुझे यकीन है कि कार्यकारी समिति इस पर कोई फैसला (इस पर चर्चा होगी या नहीं) करेगी।’’

एआईएफएफ महासचिव आम तौर पर मतदान के अधिकार के बिना कार्यकारी समिति का पदेन सदस्य होता है।

भूटिया मतदान के अधिकार के साथ एआईएफएफ कार्यकारी समिति में शामिल छह पूर्व खिलाड़ियों में से एक हैं। वह तीन सितंबर को निकाय की पहली बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने कहा कि वह सोमवार को कोलकाता में होने वाली बैठक में मौजूद रहेंगे।

भाषा आनन्द सुधीर

सुधीर


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