लगातार हार निराशाजनक, लेकिन विश्वास नहीं डिगा है: बटलर

लगातार हार निराशाजनक, लेकिन विश्वास नहीं डिगा है: बटलर

लगातार हार निराशाजनक, लेकिन विश्वास नहीं डिगा है: बटलर
Modified Date: November 5, 2023 / 12:04 pm IST
Published Date: November 5, 2023 12:04 pm IST

अहमदाबाद, पांच नवंबर (भाषा) इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने कहा कि विश्व कप में लचर प्रदर्शन और उनकी खराब फॉर्म निराशाजनक है लेकिन उनका या टीम का विश्वास नहीं डिगा है।

पिछली बार का चैंपियन इंग्लैंड शनिवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के हाथों से 33 रन से हार के साथ ही वर्तमान विश्व कप में सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया है। यह उसकी सात मैच में छठी हार थी।

बटलर ने ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद कहा,‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारा विश्वास डिगा है लेकिन निराशा निश्चित तौर पर बढ़ी है। हमारे पास शीर्ष स्तर के खिलाड़ी हैं।’’

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इंग्लैंड के पास बेहद कुशल और अनुभवी खिलाड़ी होने के बावजूद उसकी टीम विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। उसको सबसे अधिक निराशा कप्तान बटलर के लगातार नाकामी की वजह से मिली।

बटलर ने कहा,‘‘मेरा अपने खेल पर विश्वास पहले की तरह ही है जिसका मतलब है कि इतनी अधिक निराशा क्यों है। टूर्नामेंट में आकर मैंने महसूस किया कि मैं शानदार फॉर्म में हूं, मैं हमेशा की तरह अच्छी फॉर्म में हूं। इसलिए टूर्नामेंट में इस तरह का खराब प्रदर्शन निश्चित तौर पर निराशाजनक है लेकिन इससे हमारा विश्वास नहीं डिगा है।’’

उन्होंने कहा,‘‘अगर मैं खुद पर विश्वास करना बंद कर दूं तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि ऐसा करने वाला मैं आखिरी व्यक्ति हूं। ’’

इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि कप्तानी के बोझ का बल्लेबाजी में उनकी असफलता से कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘नहीं मैं ऐसा नहीं कहूंगा। यह ऐसी जिम्मेदारी है जिसका मैंने इस टूर्नामेंट से पहले टी20 और वनडे क्रिकेट में पूरा आनंद लिया है। मुझे लगता है कि इससे मेरी बल्लेबाजी में निखार आया है, इसलिए इस तरह का प्रदर्शन निराशाजनक है।’’

बटलर ने कहा,‘‘मैं इसके लिए कोई एक कारण नहीं बता सकता कि मैं उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं। मैंने भारत में बहुत अधिक क्रिकेट खेली है और आईपीएल में भी काफी क्रिकेट खेली है इसलिए ऐसा नहीं है कि मैं परिस्थितियों को नहीं समझता। लेकिन निश्चित तौर पर मैं कप्तान के रूप में आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहता हूं।’’

भाषा

पंत


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