दीपिका ने ‘अपना टाईम आयेगा’ कह कर प्रेरित किया था: दास

दीपिका ने ‘अपना टाईम आयेगा’ कह कर प्रेरित किया था: दास

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  • Publish Date - April 26, 2021 / 01:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

कोलकाता, 26 अप्रैल (भाषा) भारत के शीर्ष तीरंदाज अतनु दास ने 13 साल के विश्व कप के करियर में में पहली बार व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने के बाद इसका श्रेय पत्नी दीपिका कुमारी को देते हुए कहा कि उनके साथ और प्रेरणादायक शब्दों ने उन्हों यह दिखाने के लिए प्रेरित किया कि वह दुनिया में किसी से कम नहीं है।

पिछले साल जून में विश्व की पूर्व नंबर एक महिला तीरंदाज दीपिका से शादी करने वाले दास ने विश्व कप में पुरूषों के रिकर्व व्यक्तिगत फाइनल में बाजी मारी । दास ने स्पेन के डेनियल कास्त्रो को 6-4 से हराया । इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अंताल्या में 2016 में था जब वह चौथे स्थान पर रहे थे ।

दास ने ग्वाटेमाला ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मेरे खेल में आये बदलाव के लिए वह सबसे ज्यादा श्रेय की हकदार है।’’

दास और दीपिका दोनों के लिए यह प्रतियोगिता बेहद खास रही। दीपिका ने विश्व कप में तीन साल के बाद व्यक्तिगत स्वर्ण और 2014 के बाद पहली बार टीम का स्वर्ण पदक हासिल किया था।

दास ने इस प्रतियोगिता में पहली बार 2008 में भाग लिया था लेकिन अब जाकर उन्हें सफलता मिली।

दास ने कहा, ‘‘ शीर्ष स्तर पर दीपिका के शानदार प्रदर्शन को देखकर मैं कभी कभी मानसिक रूप से उदास हो जाता था। मैं कड़ी मेहनत करने के साथ खुद से पूछता था कि मेरी बारी कब आयेगी?’’

इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अंताल्या में 2016 में था जब वह चौथे स्थान पर रहे थे ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बुरा लगता था कि मैं दीपिका के स्तर की बराबरी नहीं कर पा रहा था। वह जब भी मुझे निराशा देखती थी तब गुस्सा हो जाती थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दीपिका हमेशा कहती थी कि ‘मेरा टाईम पहले आया है, तेरा टाईम बाद में आयेगा’ बस मेहनत जारी रखो।’’

दास ने कहा कि वह छोटी-छोटी चीजों को लेकर भी 15 साल की उम्र में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली दीपिका से प्रेरित होते रहते है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हमेशा आश्चर्य होता है कि वह इतनी कम उम्र में इतना कैसे हासिल कर सकती है। उसकी मानसिक स्थिति क्या थी, उसने कैसे तैयारी की। वो सारे सवाल मेरे दिमाग में रहते है।’’

दास ने कहा, ‘‘ यह उन छोटी-छोटी चीजों के बारे में था, जो मैंने उनसे सीखी हैं। तो यह दीपिका है जिन्होंने मेरे पहले स्वर्ण पदक में सबसे अधिक भूमिका निभाई है।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत