(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 18 दिसंबर (भाषा) भारत ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अपनी छवि न केवल ‘बैकएंड असेंबलर’ के रूप में बनाई है बल्कि यह भविष्य में ‘डिजाइन’ एवं नवाचार केंद्र के रूप में भी खुद को स्थापित कर रहा है।
सिंगापुर मैन्युफैक्चरिंग फेडरेशन (एसएमएफ) के अध्यक्ष लेनन टैन ने एक किताब में एक लेख में लिखा कि ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत घोषित रणनीतिक परियोजनाएं ‘डिजाइन’ से लेकर निर्माण तक पूर्ण क्षमता स्थापित करने का स्पष्ट इरादा जाहिर करती हैं।
टैन की ये टिप्पणियां ‘भारत-सिंगापुर साझेदारी के 60 वर्ष पूरे होने का जश्न’ नामक 112 पृष्ठ की ‘कॉफी टेबल बुक’ में प्रकाशित हुईं।
उन्होंने कहा, ‘‘ स्वीकृत निवेश और पहले से ही उत्पादन में लगे शुरुआती स्तर के संयंत्र मजबूत गति को दर्शाते हैं। यह देखकर खुशी होती है कि भारत खुद को न केवल एक ‘बैकएंड असेंबलर’ के रूप में, बल्कि भविष्य में ‘डिजाइन’ एवं नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।’’
टैन ने सिंगापुर में सेमीकंडक्टर उद्योग के मजबूत आधार एवं संयुक्त कौशल विकास, उपकरणों की सुव्यवस्थित आवाजाही तथा चिप डिजाइन में अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग का भी उल्लेख किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘ यह एक लचीली आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण की दिशा में व्यावहारिक कदम हैं।’’
एसएमएफ में 5000 से अधिक कंपनी सदस्यों के प्रमुख टैन ने कहा कि सिंगापुर और भारत दोनों ही सेमीकंडक्टर क्षेत्र के महत्व को समझते हैं और इसके अनुरूप ही दोनों देशों के बीच सहयोग विकसित हो रहा है।
एसएमएफ एक संयोजक के रूप में कार्य करता है, जो तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक जैसे भारतीय राज्यों के साथ व्यापारिक मिशन एवं संयुक्त उद्यमों को सुविधाजनक बनाता है।
सिंगापुर और भारत ने सेमीकंडक्टर उद्योग एवं डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग को समर्थन देने के साथ-साथ सिंगापुर के सेमीकंडक्टर कंपनियों के परिवेश और संबंधित आपूर्ति श्रृंखलाओं को तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में भाग लेने में सुविधा प्रदान करने के लिए सितंबर 2024 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
डीबीएस ग्रुप के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीयूष गुप्ता ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र से भारत का सबसे बड़ा निवेशक बना हुआ है, जिसने पिछले 25 वर्ष में संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रूप में लगभग 174.88 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है जो देश में कुल प्रवाह का लगभग 24 प्रतिशत है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘ यह गलियारा भारत के लिए आसियान और व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रवेश द्वार का काम करता है।’’
सिंगापुर स्थित सन मीडिया द्वारा प्रकाशित एवं एसएमएफ तथा सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग के सहयोग से प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन भारतीय राजदूत शिल्पक अंबुले और एसएमएफ अध्यक्ष टैन ने संयुक्त रूप से किया। भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी समारोहों के तहत इसका विमोचन किया गया।
भाषा निहारिका मनीषा
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