हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पूरे अंक हासिल करना चाहेगी दिल्ली की टीम

हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पूरे अंक हासिल करना चाहेगी दिल्ली की टीम

हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पूरे अंक हासिल करना चाहेगी दिल्ली की टीम
Modified Date: October 24, 2025 / 05:34 pm IST
Published Date: October 24, 2025 5:34 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) आत्मविश्वास से लबरेज दिल्ली की टीम हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पूरे अंक हासिल करने की कोशिश करेगी लेकिन इस बात पर बहस जारी है कि मुख्य कोच सरनदीप सिंह शनिवार से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी ग्रुप डी मैच के लिए प्रतिभाशाली प्रियांश आर्य को अंतिम एकादश में चुनेंगे या नहीं।

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में हमेशा अजीबोगरीब चीजें होती रही हैं और भारत ए के एक मौजूदा क्रिकेटर को बेंच पर बैठाना उनकी शर्मनाक स्थिति में नवीनतम कड़ी हो सकती है क्योंकि इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ अपने अंतिम प्रतिस्पर्धी मैच में शतक जड़ा था।

दिल्ली और हिमाचल प्रदेश दोनों ने अपने शुरुआती मुकाबले में तीन-तीन अंक हासिल किए थे। कोटला अक्टूबर में रणजी मैचों की मेजबानी कम ही करता है इसलिए पिच सपाट और धीमी रहने की उम्मीद है। इस पर उसी तरह रन बनने की उम्मीद है जैसे हैदराबाद में मेजबान टीम के शुरुआती मैच में सनत सांगवान और पदार्पण कर रहे आयुष दोसेजा ने दोहरे शतक लगाए थे।

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दिल्ली इस मैच में दावेदार के रूप में उतरेगी क्योंकि हिमाचल प्रदेश मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं है, हालांकि उनके पास आईपीएल खिलाड़ी मयंक डागर मौजूद हैं।

दिल्ली के ऑफ स्पिनर शिवम शर्मा के चोटिल होने के कारण बाहर रहने की संभावना है। सभी की निगाहें नवदीप सैनी और सिमरजीत सिंह की तेज गेंदबाजी जोड़ी पर भी होंगी जिन्होंने मिलकर 25 ओवर डाले लेकिन एक भी विकेट नहीं लिया।

पिछले मैच में अर्पित राणा को सांगवान के साथ जोड़ी बनाने के लिए कहा गया था और इस 21 वर्षीय बाएं हाथ के गेंदबाज ने सात विकेट लिए जिसमें तीन पुछल्ले बल्लेबाजों के विकेट शामिल थे।

डीडीसीए में इस बात पर चर्चा हो रही है कि 19, 0, 8, 28, 0, 12, 10 और सात रन के स्कोर के बावजूद इस खिलाड़ी को बार-बार तरजीह क्यों दी जा रही है।

हैदराबाद में दूसरी पारी में यश धुल को पारी का आगाज करने के लिए भेजा गया और उन्होंने अर्धशतक जड़ा।

यह समझ से परे है कि अर्पित को एक ऐसे युवा खिलाड़ी पर तरजीह दी गई है जिसने अपने पहले आईपीएल सत्र में 475 रन बनाए हैं और इंडिया ए के लिए पदार्पण मैच में शतक जड़ा है। अर्पित का पांच प्रथम श्रेणी मैचों में सर्वश्रेष्ठ स्कोर 28 रन है।

जब एक वरिष्ठ पदाधिकारी से पूछा गया तो उनका जवाब था कि अंतिम एकादश का फैसला मुख्य कोच का होता है।

उन्होंने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘हम जानते हैं कि अर्पित राणा का चयन विवादास्पद है, लेकिन हम इसमें कोई मदद नहीं कर सकते। प्रियांश को अंतिम एकादश में क्यों नहीं चुना गया और किसी ऐसे खिलाड़ी (अर्पित) को क्यों तरजीह दी गई जिसने अभी तक 30 रन भी नहीं बनाए हैं, इसका सबसे अच्छा जवाब चयनकर्ता या मुख्य कोच सरनदीप सिंह ही दे सकते हैं। ’’

यह भी पता चला है कि डीडीसीए ने पहले ही यह नियम बना लिया है कि चयन समिति का कोई भी सदस्य दूसरे राज्य में होने वाले मैचों के दौरान यात्रा नहीं करेगा।

अब जब चयन समिति का कोई सदस्य मौजूद नहीं है तो पदाधिकारियों को निष्पक्ष प्रतिक्रिया देने का सवाल ही नहीं उठता।

डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली चयन मामलों से खुद को दूर रखने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अगर भारत ‘ए’ के किसी मौजूदा खिलाड़ी को नियमित रूप से बेंच पर बैठाया जाता है, तो इससे संघ की बदनामी ही होगी।

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द


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