एरिक्सन के मैदान पर गिरने से डेनमार्क में ‘राष्ट्रीय शोक ’ जैसे हालात | Ericsson's fall on the field causes 'national mourning' in Denmark

एरिक्सन के मैदान पर गिरने से डेनमार्क में ‘राष्ट्रीय शोक ’ जैसे हालात

एरिक्सन के मैदान पर गिरने से डेनमार्क में ‘राष्ट्रीय शोक ’ जैसे हालात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : June 14, 2021/2:58 pm IST

कोपेनहेगन, 14 जून ( एपी ) अपनी धरती पर अपनी टीम को यूरो चैम्पियनशिप खेलते देखने का सुरूर अभी ठीक से चढा भी नहीं था कि क्रिस्टियन एरिक्सन के पहले ही मैच में मैदान पर गिरने से डेनमार्क के फुटबॉलप्रेमियों के उत्साह पर घड़ों पानी फिर गया । जहां तालियों और टीम के समर्थन में जोशीले नारे सुनाई देने थे, वहां चेहरों पर मायूसी और आंखों में आंसू के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा था ।

डेनमार्क की टीम को अपने ग्रुप मैच घरेलू मैदान पर ही खेलने हैं जिससे यहां जश्न का माहौल बन गया था । लोगों को उम्मीद थी कि डेनमार्क 1992 में मिली जीत को दोहरायेगा ।

पहले मैच के 43वें मिनट में हालांकि सब कुछ बदल गया । फिनलैंड के खिलाफ पहले मैच में दिल का दौरा पड़ने से एरिक्सन मैदान पर गिरे । टीवी पर नजरें गड़ाये बैठे डेनमार्क के करीब 60 लाख लोगों ने देखा कि कैसे देश के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में शुमार एरिक्सन मैदान पर अचेत पड़ा था और उसे सीपीआर दिया जा रहा था । टीम के बाकी खिलाड़ी आंखों में आंसू लिये उसके आसपास गोला बनाये खड़े थे ।

डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फेडेरिकसन ने इसे ‘ राष्ट्रीय त्रासदी’ बताया ।

एरिक्सन की स्थिति हालांकि अब बेहतर है लेकिन यह राष्ट्रीय चर्चा का मुद्दा बन गया है ।कुछ लोग मैच 90 मिनट बाद बहाल किये जाने से खफा हैं तो कुछ को यह समझ नहीं आ रहा कि इतने स्वस्थ खिलाड़ी को दिल का दौरा कैसे पड़ा ।

बहस का एक और मसला यह भी है कि अपने नायक को मैदान पर अचेत पड़े देखकर युवा दर्शकों पर क्या असर पड़ा होगा । बच्चों के लिये काम करने वाले कई गैर सरकारी संगठनों ने कहा है कि अधिकांश बच्चे सहमे हुए और दुखी हैं और उन पर लंबे समय तक इसका असर रहेगा ।

एपी मोना सुधीर

सुधीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)