Even if you are Bradman, bio bubble will definitely have an impact: Shastri

कोच पद से हटने के बाद शास्त्री का फूटा गुस्सा, कहा- भले ही आप ब्रैडमैन हों, बायो बबल का असर जरूर पड़ेगा

शास्त्री का भारतीय टीम के साथ कार्यकाल सोमवार को नामीबिया के खिलाफ टी20 विश्व कप मैच के साथ ही समाप्त हो गया।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : November 9, 2021/1:15 pm IST

दुबई,  भारत के निवर्तमान मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि भले ही आप ‘डॉन ब्रैडमैन’ क्यों न हों, कई महीनों तक जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) में रहने का असर आप पर जरूर पड़ेगा। शास्त्री का भारतीय टीम के साथ कार्यकाल सोमवार को नामीबिया के खिलाफ टी20 विश्व कप मैच के साथ ही समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) और विश्व कप के बीच लंबे विश्राम की जरूरत थी।

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शास्त्री ने नामीबिया के खिलाफ मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं एक बात कहना चाहूंगा। यह कोई बहाना नहीं है, लेकिन सच्चाई है। जब आप छह महीने बायो बबल में रहते हैं तो उसका असर पड़ता है। इस टीम में कई खिलाड़ी हैं जो तीनों प्रारूपों में खेलते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 24 महीनों में वे केवल 25 दिन के लिये घर में रहे। मुझे परवाह नहीं है कि आप कौन हैं, अगर आपका नाम ब्रैडमैन है, अगर आप भी बायो बबल में हैं, तो आपका औसत नीचे आ जाएगा क्योंकि आप एक इंसान हैं।’’

भारतीय टीम इंग्लैंड के चार महीने के लंबे दौर के बाद यूएई में आईपीएल खेलने आयी थी। कप्तान विराट कोहली ने भी कहा था कि लंबे समय तक बायो बबल में नहीं रहा जा सकता है।

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शास्त्री ने कहा, ‘‘यह ऐसा नहीं है कि पेट्रोल डाला और लंबी यात्रा पर निकल जाओ। इसमें ऐसा नहीं होता है। इसलिए मुझे लगता है कि यह मुश्किल दौर था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं कहता हूं कि जीवन में आप किन परिस्थितियों से गुजरे हैं यह मायने रखता है। यह टीम ऐसी परिस्थितियों से गुजरी है। खिलाड़ियों ने जज्बा दिखाया। उन्हें कोई शिकायत नहीं है। लेकिन कभी न कभी सब्र का बांध टूट जाएगा इसलिए आपको सावधान रहना होगा।’’

नामीबिया के खिलाफ मैच से पहले शास्त्री ने कहा था कि खिलाड़ी लंबे समय तक जैव सुरक्षित वातावरण में रहने के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानसिक रूप से थका हुआ हूं लेकिन मैं कह सकता हूं कि यह उम्र का असर है लेकिन ये खिलाड़ी भी शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं। यह छह महीने तक बायो बबल में रहने का असर है।’’

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शास्त्री ने कहा, ‘हम आईपीएल और टी20 विश्व कप के बीच लंबा अंतराल चाहते थे, क्योंकि जब आप बड़े मैचों में खेलते हैं तो आप दबाव से प्रभावित होते हैं। आप उतने जोश में नहीं रहते जितना आपको होना चाहिए।’’

शास्त्री 2014 में इंग्लैंड के दौरे से 2015 विश्व कप तक आठ महीने के लिये भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक बने थे। उन्हें 2016 में हटा दिया गया था, लेकिन 13 जुलाई, 2017 को उन्हें भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था और फिर उन्होंने कोहली के साथ शानदार जोड़ी बनायी।

उनके कार्यकाल का मुख्य आकर्षण आस्ट्रेलिया में एक के बाद एक दो टेस्ट श्रृंखलाएं जीतना रहा, लेकिन इस बीच टीम आईसीसी का कोई टूर्नामेंट नहीं जीत पायी। कोहली की जगह रोहित शर्मा को टी20 टीम और यहां तक कि वनडे की कप्तानी सौंपी जा सकती है।

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शास्त्री ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि रोहित बेहद सक्षम है। उसने आईपीएल में इतने खिताब जीते हैं। वह (भारतीय) टीम का उप कप्तान है। वह यह पद संभालने के लिये तैयार है। अलग अलग प्रारूप के लिये अलग अलग कप्तान होना गलत नहीं है।’’

शास्त्री ने इसके साथ ही स्वीकार किया कि हार्दिक पंड्या के पूरी तरह फिट नहीं होने के कारण गेंदबाजी में विकल्पों के अभाव का टीम को नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘जब आपके शीर्ष क्रम में एक या दो ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो गेंदबाजी कर सकते हों तो इससे मदद मिलती है। दुर्भाग्य से हमारे साथ ऐसा नहीं था। यहां तक कि अगर वे आपस में मिलकर चार ओवर करेंगे तो उससे मदद मिलेगी।’’ शास्त्री ने कहा कि साढ़े छह साल तक टीम का हिस्सा रहने के बाद अब वह बेहद भावुक महसूस कर रहे हैं।

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