साल भर की उम्र में हो गया था पोलियो.. अब पैरालंपिक गेम्स में रचा इतिहास

मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती : भाविनाबेन पटेल Polia happened at the age of one year.. Now history is created in Paralympic Games

साल भर की उम्र में हो गया था पोलियो.. अब पैरालंपिक गेम्स में रचा इतिहास
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: August 28, 2021 12:50 pm IST

टोक्यो, 28 अगस्त ( भाषा ) पैरालम्पिक खेलों के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने शनिवार को कहा कि वह खुद को दिव्यांग नहीं मानती और तोक्यो खेलों में उनके प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है ।

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बारह महीने की उम्र में पोलियो की शिकार हुई पटेल ने कहा ,‘‘ मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती । मुझे हमेशा से यकीन था कि मैं कुछ भी कर सकती हूं और मैने साबित कर दिया कि हम किसी से कम नहीं है और पैरा टेबल टेनिस भी दूसरे खेलों से पीछे नहीं है ।’’

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उन्होंने कहा ,‘‘ मैने चीन के खिलाफ खेला है और यह हमेशा कहा जाता है कि चीन को हराना आसान नहीं होता है । मैने आज साबित कर दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है ।

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हम कुछ भी कर सकते हैं ।’’ पटेल ने कहा कि खेल के मानसिक पहलू पर फोकस करने से उन्हें मैच के दौरान मदद मिली ।

 

 


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