ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर चीन का दबदबा समाप्त करना चाहती हूं: मीराबाई | I want to end China's dominance by winning gold at Olympics: Mirabai

ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर चीन का दबदबा समाप्त करना चाहती हूं: मीराबाई

ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर चीन का दबदबा समाप्त करना चाहती हूं: मीराबाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : April 25, 2021/11:04 am IST

(अपराजिता उपाध्याय)

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) भारत की चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू की नजरें तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी हैं और वह इस खेल में चीन के दबदबे को खत्म करना चाहती हैं।

विश्व रिकॉर्ड धारक भारोत्तोलक ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं ओलंपिक में रजत पदक नहीं जीतना चाहती, मैं स्वर्ण पदक चाहती हूं।’’

मीराबाई पारंपरिक रूप से भारोत्तोलन में दबदबा बनाने वाले चीन से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और तोक्यो खेलों में शीर्ष स्थान हासिल करना चाहती हैं।

ओलंपिक से उत्तर कोरिया के हटने के बाद 49 किग्रा वर्ग में मीराबाई और चीन की भारोत्तोलक के बीच सीधा मुकाबले होने की उम्मीद है।

मीराबाई ने कहा, ‘‘मुझे चीन की भारोत्तोलकों से बेहतर प्रदर्शन करना होगा। वे सोचती हैं कि कोई भी उनसे अधिक वजन नहीं उठा सकता लेकिन मैं इस धारणा को तोड़ना चाहती हूं। मैं उन्हें टक्कर दे सकती हूं।’’

तोक्यो खेलों की क्वालीफाइंग रैंकिंग में अभी चीन की दो भारोत्तोलक मीराबाई से आगे हैं लेकिन नियमों के अनुसार इनमें से सिर्फ एक ओलंपिक में हिस्सा ले सकती है।

मीराबाई का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 205 किग्रा है जबकि होउ झीहुई ने मौजूदा एशियाई चैंपियनशिप में स्नैच में विश्व रिकॉर्ड सहित कुल 213 किग्रा (96 किग्रा+117 किग्रा) वजन उठाया।

सोलह महीने बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वापसी कर रही 2017 की विश्व चैंपियन मीराबाई ने एशियाई चैंपयनशिप में स्नैच में 86 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड 119 किग्रा सहित कुल 205 किग्रा वजन उठाकर कांस्य पदक जीता।

मीराबाई ने खुलासा किया कि 2019 किग्रा में क्लीन एवं जर्क में 118 किग्रा के उठाने के प्रयास में अच्छी शुरुआत के बाद उन्हें विश्व रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद थी लेकिन वह इस वजन को अपने सिर से ऊपर उठाने में नाकाम रही। चीन की जियांग हुइहुआ ने बाद में इतना ही वजन उठाकर उस समय विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

मीराबाई ने कहा, ‘‘मैं बेहद खुश थी। मैंने पिछली विश्व चैंपियनशिप में ही फैसला किया था कि अगर हम 118-119 किग्रा उठाने में सफल रहे तो यह विश्व रिकॉर्ड होगा। मैंने क्लीन में 118 किग्रा वजन उठाकर अच्छी शुरुआत की लेकिन जर्क में विफल रही। इसलिए मेरा आत्मविश्वास बढ़ा कि मैं उनसे ज्यादा वजन उठा सकती हूं। हम इस पर काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्नैच में कंधे की चोट के कारण कभी कभी मैं थोड़ा असहज महसूस करती हूं। मेरा आत्मविश्वास थोड़ा कम था लेकिन क्लीन एवं जर्क में मैं चुनौती के लिए तैयार थी।’’

क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा वजन उठाकर मीराबाई ने स्वर्ण पदक जीता लेकिन स्नैच में 85 किग्रा वजन उठाने में वह दो बार नाकाम रहीं। तीसरा विफल प्रयास उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर देता।

छब्बीस साल की मीराबाई को पता है कि चीन की खिलाड़ी को टक्कर देने के लिए उन्हें स्नैच में अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। झीहुई का 96 किग्रा महाद्वीपीय प्रतियोगिता में नया विश्व रिकॉर्ड है जबकि मीराबाई का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88 किग्रा है।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन की खिलाड़ियों की बराबरी करने के लिए मुझे स्नैच में सुधार करना होगा। स्नैच में अधिक अंतर है। मुझे पता है कि मैं इतने अंतर को नहीं पाट सकती लेकिन मैंने 91-92 किग्रा (एशियाई चैंपियनशिप) वजन उठाने की योजना बनाई थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पीठ में थोड़ी तकलीफ थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 85 किग्रा वजन नहीं उठा पाऊंगी। लेकिन फिर सर (कोच विजय शर्मा) ने एक किग्रा वजन बढ़ा दिया और मैं सोच रही थी कि चाहे कुछ भी हो जाए मुझे यह वजन उठाना होगा।’’

भाषा सुधीर पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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