इंडिया ओपन: सेन और सात्विक एवं चिराग की जोड़ी ने चैम्पियन बनकर दिया दोहरी खुशी मनाने का मौका |

इंडिया ओपन: सेन और सात्विक एवं चिराग की जोड़ी ने चैम्पियन बनकर दिया दोहरी खुशी मनाने का मौका

इंडिया ओपन: सेन और सात्विक एवं चिराग की जोड़ी ने चैम्पियन बनकर दिया दोहरी खुशी मनाने का मौका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : January 16, 2022/9:14 pm IST

 नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी एवं चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता में में अपने-अपने वर्ग का पहला खिताब जीत कर रविवार को खेल प्रेमियों को दोहरी खुशी मनाने का मौका दिया।

सेन ने फाइनल में सिंगापुर के मौजूदा विश्व चैंपियन लोह कीन यू पर सीधे गेम में 24-22, 21-17 की शानदार जीत के साथ सुपर 500 स्तर के टूर्नामेंट का अपना पहला खिताब जीता तो वहीं सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी इंडोनेशिया के तीन बार के विश्व चैंपियन मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी पर सीधे गेम में 21-16, 26-24 से जीत दर्ज करते हुए इंडिया ओपन जीतने वाली देश की पहली जोड़ी बनी।

पिछले महीने स्पेन में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक का खिताब जीतने वाले सेन के लिए यह मुकाबला पिछले साल के डच ओपन की फाइनल की तरह था। डच ओपन के फाइनल में लोह ने उन्हें हराया था लेकिन सेन ने इस बार 54 मिनट तक चले मुकाबले को अपने नाम कर हिसाब बराबर किया।

  सेन ने इस जीत के बाद कहा, ‘‘ पहला गेम महत्वपूर्ण था। मैं आगे चल रहा था और फिर स्कोर 20-20 हो गया। लेकिन मैं पहला गेम जीतने में कामयाब रहा और इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस टूर्नामेंट में बहुत अधिक उम्मीदों के साथ नहीं आया था क्योंकि विश्व चैंपियनशिप के बाद मुझे बहुत अभ्यास नहीं मिला था।  मैं हालांकि काफी बेहतर लय के साथ फाइनल में पहुंचा था।  मैंने इससे पहले तीन मैचों में अच्छा नतीजा हासिल किया जिससे आज खुल कर खेलने में मदद मिली।’’

सात्विक और चिराग इस मैच से पहले इंडोनेशिया की इस जोड़ी के खिलाफ चार मुकाबलों में सिर्फ एक जीत दर्ज कर सके थे।

कोविड-19 जांच में गलत पॉजिटिव नतीजे के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने के खतरे का सामना करने के बाद इस जोड़ी ने खिताब जीतकर मजबूत मानसिकता का परिचय दिया है।  

चिराग ने मैच के बाद कहा, ‘‘ हम पिछले साल कोई ना तो कोई खिताब जीत सके ना ही फाइनल में पहुंच सके। अपने देश में आना और खिताब के साथ साल की शुरुआत करना अच्छा अनुभव है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी जोड़ी के खिलाफ जीत खास है, जिसे आप अपना आदर्श मानते है। रणनीतिक रूप से यह हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक है।’’

सेन और लोह ने इससे पहले एक दूसरे के खिलाफ चार मुकाबले खेले थे जिसमें दोनों ने दो-दो जीत दर्ज की थी।

सेन ने रविवार को 9-6 की बढ़त के साथ सकारात्मक शुरुआत की और ब्रेक के समय भी उनके पास तीन अंक की बढ़त थी। सेन जहां शानदार शॉट लगा रहे थे वही लोह असहज गलतियां कर रहे थे।

सेन  अपनी बढ़त को 19-14 कर गेम अपने नाम करने के करीब थे लेकिन  लोह ने लगातार छह अंक बनाकर उन्हें चौका दिया।

सेन ने इसके बाद दो बार गेम प्वाइंट बचाये और फिर बैकलाइन के पास शानदार शॉट खेल कर पहला  गेम अपने नाम किया।

लोह ने दूसरे गेम में 4-1 की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की लेकिन सेन ने आक्रामक खेल के सहारे स्कोर 6-6 कर दिया।  दोनों ने इसके बाद कुछ शानदार रैलियां लगायी लेकिन पहले गेम की जीत से मिले आत्मविश्वास से सेन हावी रहे।

चिराग और सात्विक इस जीत से वे व्यस्त सत्र से पहले महत्वपूर्ण रैंकिंग अंक हासिल करने में सफल रहे। यह रैंकिंग अंक राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे आयोजन के लिए क्वालीफाई करने के लिए अहम होंगे।

भारतीय जोड़ी ने मैच की सकारात्मक शुरुआत की लेकिन इंडोनेशिया की जोड़ी ने शानदार वापसी की। पहले ब्रेक के पास भारतीय जोड़ी के पास दो अंकों की बढ़त थी। उन्होंने इसके बाद अपनी बढ़त को 18-13 किया और फिर शुरुआती गेम अपने नाम कर लिया।

दूसरे गेम में अहसन और सेतियावान ने 9-6 की बढ़त बना ली लेकिन ब्रेक के समय भारतीय जोड़ी ने 11-10 की बढ़त हासिल कर ली। सात्विक और चिराग ने अपनी बढ़त को 15-13 कर लिया।

विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज जोड़ी ने इसके बाद स्कोर को 17-17 और 19-19 से बराबर किया।

इसके बाद दोनों जोड़िया लगातार अंक जुटाने में कामयाब रही। कड़े मुकाबले के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने मजबूत मानसिकता दिखायी और जीत दर्ज करने में सफल रहे।

दोनों की जोड़ी 2019 में थाईलैंड ओपन में जीत दर्ज करने के साथ फ्रेंच ओपन सुपर 750 (2019) के फाइनल में पहुंची थी।

दोनों ने 2018 में हैदराबाद ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट में जीत दर्ज की थी और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था।

भारतीय जोड़ी ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया था, लेकिन तीन में से दो मुकाबले जीतने के बावजूद वे ग्रुप चरण को पार नहीं कर पाए थे।

यह सेन के करियर का भी यह सबसे बड़ा खिताब है। उन्होंने 2019 में डच ओपन और सारलोरलक्स ओपन के रूप में दो सुपर 100 खिताब जीते है। इसी साल बेल्जियम, स्कॉटलैंड और बांग्लादेश में तीन इंटरनेशनल चैम्पियन का खिताब भी उन्होंने जीता है। इसके बाद कोविड-19 के प्रकोप ने उनकी प्रगति को रोक दी थी।

 भाषा आनन्द नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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