भारत में तरणताल दोबारा खुलने पर ट्रेनिंग शुरू करूंगा: खाड़े
भारत में तरणताल दोबारा खुलने पर ट्रेनिंग शुरू करूंगा: खाड़े
नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) स्वीमिंग पूल से पांच महीने तक दूर रहने के बाद भारत के सबसे प्रतिभावान तैराकों में से एक वीरधवल खाड़े की प्राथिमकताएं बदल गई हैं जिनका कहना है कि भारत में तरणताल खुलने तक वह अपने काम पर ध्यान लगाकर संतुष्ट हैं जिसने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रहने में मदद की।
एशियाई खेल 2010 के कांस्य पदक विजेता खाड़े ने दुबई में ओलंपिक के दावेदारों के लिए ट्रेनिंग शिविर से बाहर रहने का फैसला करके स्पष्ट कर दिया कि वह महाराष्ट्र सरकार में अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
इस 29 वर्षीय तैराक ने पीटीआई से कहा कि वह भारत में तरणताल खुलने पर ही खेल में वापसी करेंगे। कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण मार्च से स्वीमिंग पूल बंद हैं।
खाड़े ने कहा, ‘‘मैं संन्यास नहीं ले रहा हूं। भारत में जब भी पूल खुलेंगे तो मैं दोबारा ट्रेनिंग शुरू करूंगा। मैं अब भी घर में वर्कआउट करके खुद को फिट रख रहा हूं। मैं इस तथ्य से खुश हूं कि मैं अपने काम और परिवार को अधिक समय दे पा रहा हूं और अपने आप को तैराकी के इतर भी तैयार कर रहा हूं।’’
देश में तैराक 25 मार्च से स्वीमिंग पूल में नहीं उतर पाए हैं जब पहली बार कोरोना वायरस लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसके कारण भारतीय तैराकी संघ (एसएफआई) को दुबई में दो महीने का शिविर आयोजित करने के लिए बाध्य होना पड़ा।
खाड़े ने कहा कि वह जून तक ट्रेनिंग के लिए वापसी करने को लेकर उत्सुक थे लेकिन इसके बाद उन्होंने प्रेरणा खोना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पांच महीने से ट्रेनिंग नहीं की है। मैं अपने जीवन में सबसे फिट होने वाली स्थिति से शून्य पर पहुंच गया हूं। पांच महीने लंबा समय होता है। जून तक मैं काफी सकारात्मक था, में स्वयं को फिट रख रहा था और मेरा ध्यान मानसिक मजबूती पर था लेकिन इसके बाद नकारात्मकता हावी हो गई। मैं स्वयं पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए। ’’
खाड़े ने पिछले साल 50 मीटर में 22.44 सेकेंड के समय के साथ ओलंपिक ‘बी’ क्वालीफिकेशन स्तर हासिल किया था।
भाषा सुधीर आनन्द
आनन्द

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