आईपीएल नहीं खेलने से बेहतर है दिशानिर्देशों का पालन करना: मयंक
आईपीएल नहीं खेलने से बेहतर है दिशानिर्देशों का पालन करना: मयंक
…भरत शर्मा…
नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाज मयंक अग्रवाल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए नेट पर वापसी करने को लेकर ना तो आशंकित थे और ना ही उन्हें जैव-सुरक्षित माहौल के कड़े दिशानिर्देशों का पालन करने में कोई परेशानी है।
इससे पहले उनकी आईपीएल टीम के कप्तान लोकेश राहुल और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पांच महीने के ब्रेक के बाद नेट्स में वापसी की आशंकाओं के बारे में बात की थी, जो शायद उनके करियर में सबसे लंबे समय के बाद वापसी की तरह है। भारतीय टेस्ट टीम के इस सलामी बल्लेबाज के साथ हालांकि ऐसी स्थिति नहीं है।
अग्रवाल ने दुबई से पीटीआई-भाषा को कहा, ‘‘मुझे इस तरह की कोई आशंका नहीं थी। जब मैं अभ्यास करने गया तो मैंने अपने आप से काफी उम्मीदें नहीं रखीं थी। मैं वहां से वापसी की कोशिश करने के बारे में अधिक सोच रहा था जहां मैंने छोड़ा था। मैंने पहले तीन चार नेट सत्र में खुद को आंकने की कोशिश नहीं की।’’
बेंगलोर के 29 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि कोच अनिल कुंबले सत्र के लिए धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ शारीरिक रूप से मैंने वापसी कर ली है, लेकिन अभी कौशल बढ़ाने में कुछ और सत्र लगेंगे। यह सिर्फ आपकी बल्लेबाजी की लय वापस पाने के बारे में है और चीजें फिर से ठीक होने लगेंगी। यहां काफी गर्मी है ऐसे में यहां के मौसम से सामंजस्य बैठाने के लिए मैं ऐसे समय में अभ्यास कर रहा हूं जब गर्मी ज्यादा होती है।’’
यूएई आने के बाद टीम के सभी खिलाड़ी छह दिनों तक पृथकवास में थे। इस दौरान जांच में तीन बार निगेटिव आने के बाद उन्हें जैव-सुरक्षित माहौल में आने की अनुमति मिली।
आईपीएल के पूरे सत्र के दौरान खिलाड़ियों और अधिकारियों को जैव-सुरक्षित वतावरण से बाहर किसी से मिलने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अग्रवाल ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि आईपीएल हो रहा है, यह कुछ ऐसा है जो कुछ महीने पहले संभव नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘ कोई भी व्यक्ति जो पेशेवर खेल से जुड़ा है, मानसिक रूप से कई मायनों में मजबूत होता है। मुझे लगता है कि हम में से अधिकांश इससे निपटने में सक्षम होंगे।’’
अग्रवाल पिछले कई वर्षों से विपश्यना (ध्यान) कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि इससे उन्हें लॉकडाउन में मनसिक रूप से शांत रहने में मदद मिली।
भाषा भरत आनन्द सुधीर
सुधीर

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