एंडरसन ने बुमराह के लगातार बाउंसर फेंकने पर कहा, ऐसा लगा वह मुझे आउट करने का प्रयास नहीं कर रहा था

एंडरसन ने बुमराह के लगातार बाउंसर फेंकने पर कहा, ऐसा लगा वह मुझे आउट करने का प्रयास नहीं कर रहा था

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  • Publish Date - August 24, 2021 / 04:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

लीड्स, 24 अगस्त (भाषा) इंग्लैंड के सीनियर तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने संकेत दिए कि लार्ड्स में भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह उन्हें आउट करने का प्रयास नहीं कर रहे थे। बुमराह ने लार्ड्स टेस्ट के दौरान एंडरसन को कई बाउंसर फेंके थे।

बुमराह ने 10 गेंद का ओवर फेंका था जिसमें अधिकांश बाउंसर थी लेकिन कोई भी गेंद एंडरसन के हेलमेट पर नहीं लगी। इस घटना के बाद खिलाड़ियों के बीच शब्दों का आदान प्रदान भी हुआ और एंडरसन भारतीय गेंदबाज की रणनीति से खुश नहीं थे।

एंडरसन ने ‘बीबीसी टेलेंडर्स पोडकास्ट’ पर कहा, ‘‘मैं थोड़ा सकते में था क्योंकि जो भी बल्लेबाज वापस आ रहा था वह कह रहा था कि पिच कितनी धीमी है। शॉर्ट गेंद फेंकने के लिए पिच काफी धीमी थी। जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो जो रूट ने कहा कि बुमराह उतनी तेज गेंद नहीं फेंक रहा है जितनी वह सामान्य तौर पर फेंकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और इसके बाद, पहली गेंद 90 मील प्रति घंटा की रफ्तार से थी और सीधे लक्ष्य पर, क्या ऐसा नहीं था? मैंने ऐसा महसूस किया जैसा अपने करियर में कभी महसूस नहीं किया। मुझे लगा कि वह मुझे आउट करने का प्रयास ही नहीं कर रहा है।’’

एंडरसन ने कहा, ‘‘उसने ओवर फेंका, शायद 10, 11, 12 गेंद (10 गेंद) का। वह एक के बाद एक नोबॉल फेंक रहा था, शॉर्ट गेंदबाजी कर रहा था। मुझे लगता है कि उसने सिर्फ दो गेंद स्टंप पर फेंकी जिन्हें मैंने खेल लिया।.’’

अगले दिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने बुमराह के खिलाफ यही रणनीति अपनाई लेकिन भारतीय खिलाड़ी विरोधी टीम के गेंदबाजों का अच्छी तरह सामने करने में सफल रहा और मोहम्मद शमी के साथ नौवें विकेट की 89 रन की अटूट साझेदारी करके भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाई।

लार्ड्स टेस्ट में नहीं खेलने वाले रविचंद्रन अश्विन ने भी बुमराह और एंडरसन के बीच घटना पर बात की।

उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड ने एंडरसन की घटना को काफी निजी तौर पर ले लिया। बुमराह ने कहा कि उसे तो पता भी नहीं कि क्या हुआ लेकिन हम सभी ने उसे बताया कि एंडरसन ने उसे क्या कहा है और इससे हमारे अंदर जोश भर गया। इसके बाद जो हुआ वह असाधारण था।’’

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द