लैंगर ने मेलबर्न टेस्ट की धीमी ओवर गति पर कहा, यह बेहद निराशाजनक, वास्तव में लापरवाही है

लैंगर ने मेलबर्न टेस्ट की धीमी ओवर गति पर कहा, यह बेहद निराशाजनक, वास्तव में लापरवाही है

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  • Publish Date - March 9, 2021 / 05:29 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

मेलबर्न, नौ मार्च (भाषा) आस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने मंगलवार को कहा कि भारत के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में ओवर गति बरकरार नहीं रख पाना उनकी टीम की वास्तव में लापरवाही है जिसके कारण वह आखिर में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह नहीं बना पाये।

आस्ट्रेलिया को चार मैचों की श्रृंखला के दूसरे मैच में तय समय से दो ओवर कम करने के कारण चार डब्ल्यूटीसी अंक गंवाने पड़े थे।

हाल में इंग्लैंड को घरेलू श्रृंखला में 3-1 से हराने वाली भारतीय टीम ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनायी जहां जून में उसका मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा। अगर आस्ट्रेलिया पर धीमी ओवर गति के लिये जुर्माना नहीं लगा होता तो न्यूजीलैंड की जगह वह फाइनल के लिये क्वालीफाई कर जाता।

लैंगर ने एसईएन रेडियो नेटवर्क से कहा, ‘‘हमारे मैनेजर गेविन डोवे तब टीम के साथ नहीं थे। वह अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिये चले गये थे। हमें मैच के बाद अहसास हुआ कि हमारी ओवर गति धीमी हो गयी थी। अब यह हमारी तरफ से वास्तव में लापरवाही थी।’’

न्यूजीलैंड डब्ल्यूटीसी तालिका में आस्ट्रेलिया से केवल 0.3 प्रतिशत अंक आगे है। आस्ट्रेलिया ने कोविड-19 महामारी के कारण टेस्ट श्रृंखला के लिये दक्षिण अफ्रीका का दौरा नहीं किया जिससे उसकी डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने की संभावनाएं क्षीण पड़ गयी थी।

लैंगर ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि बाद में हम टीम रूम में थे और मैंने पेनी (कप्तान टिम पेन) और अपने विश्लेषक डेने हिल्स से इस बारे में बात की। मैं इसको लेकर नाराज था और मुझे लग रहा था कि इससे हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने का मौका गंवा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बाद में खिलाड़ियों से कहा कि ये दो ओवर हमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिये महंगे पड़ सकते हैं। इसलिए हमें इस क्षेत्र में बेहतर करना होगा तथा सिडनी और ब्रिस्बेन में ऐसा नहीं होना चाहिए। ’’

लैंगर ने कहा, ‘‘यह बहुत निराशाजनक है, लेकिन इससे यह सबक मिलता है कि हम चीजों पर नियंत्रण कर सकते हैं। हमें चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए। ’’

भाषा पंत

पंत