ओलंपिक में पदक के लक्ष्य के साथ उतरेंगे लाहिड़ी, माने |

ओलंपिक में पदक के लक्ष्य के साथ उतरेंगे लाहिड़ी, माने

ओलंपिक में पदक के लक्ष्य के साथ उतरेंगे लाहिड़ी, माने

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : July 28, 2021/2:22 pm IST

तोक्यो, 28 जुलाई (भाषा) अनिर्बान लाहिड़ी और उदयन माने गुरुवार से यहां शुरू हो रही तोक्यो ओलंपिक की गोल्फ प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और इन अनुभवी खिलाड़ियों ने कहा कि वे यहां कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में ठोस प्रदर्शन करके देश में खेल का चेहरा बदलना चाहते हैं।

गोल्फ में 60 खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे और कोई कट लागू नहीं होगा। पीजीए टूर के टूर्नामेंट में शीर्ष तीन में जगह बनाने के बाद यहां पहुंचे लाहिड़ी अपने प्रदर्शन से लोगों को हैरान करने में सक्षम हैं।

लाहिड़ी इस टूर्नामेंट में भारत के घरेलू सर्किट में शीर्ष गोल्फरों में शुमार एस चिकारंगप्पा को कैडी के रूप में लाए हैं।

माने अपने नियमित कैडी रूपेश के साथ उतरे हैं। लाहिड़ी और माने दोनों विजय दिवेचा के साथ ट्रेनिंग करते हैं।

महिला स्पर्धा अगले हफ्ते होगी जिसमें अदिति अशोक चुनौती पेश करेंगी और लाहिड़ी की तरह वह भी दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं।

भारत के लिए पदक जीतने की संभावना पर लाहिड़ी ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी चीज होगी। आप कल्पना कर सकते हैं, यह बहुत बड़ी चीज है। ओलंपिक बड़ी चीज है। खेलों के पहले दिन हमने अपना पहला रजत (महिला भारोत्तोलन में) पदक जीता… मैं महसूस कर सकता हूं कि इसका उस खेल पर कितना सकारात्मक असर पड़ेगा और मैं चाहूंगा कि गोल्फ में भी ऐसा हो।’’

बेंगलुरू के माने ने कहा, ‘‘इसका (पदक) मतलब होगा कि गोल्फ का चेहरा हमेशा के लिए बदल जाएगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में अभी चुनिंदा लोगों को ही पता है कि गोल्फ क्या होता है। अगर हम पदक जीत पाए तो लोगों को पता चलेगा कि गोल्फ क्या है, भारत के सभी एक अरब 30 करोड़ लोगों को।’’

माने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर इसके बाद अधिक बच्चे गोल्फ से जुड़ेंगे। भारत में सभी गोल्फ को जिस तरह देखते हैं इससे वह बदल जाएगा। क्रिकेट हमेशा नंबर एक रहेगा लेकिन हम कम से कम बीच के अंतर को तो कम करने में सफल रहेंगे।’’

लाहिड़ी 2016 रियो खेलों में 60 गोल्फरों के बीच 57वें स्थान पर रहे थे और वह इस प्रदर्शन में सुधार करना चाहेंगे।

लाहिड़ी तब चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहे थे जबकि तोक्यो में वह बारबासोल ओपन में शीर्ष तीन में जगह बनाने के बाद आए हैं जो सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

घरेलू सर्किट पर 11 जीत दर्ज करने वाले माने तैराकी और बास्केटबॉल में प्रतिस्पर्धा करते हुए बड़े हुए लेकिन बाद में गोल्फ को करियर बनाने का फैसला किया। पिछले महीने उन्होंने 60वें खिलाड़ी के रूप तोक्यो खेलों में जगह बनाई और उनके लिए ओलंपिक में खेलना सपना साकार होने की तरह है।

माने ने 2014 में एशियाई खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन चौथे स्थान पर रहते हुए पदक से चूक गए थे।

भाषा सुधीर पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)