मांडविया ने एशियाई घुड़सवारी पदक विजेताओं को किया सम्मानित, पृथकवास केन्द्र बनाने की पहल

मांडविया ने एशियाई घुड़सवारी पदक विजेताओं को किया सम्मानित, पृथकवास केन्द्र बनाने की पहल

मांडविया ने एशियाई घुड़सवारी पदक विजेताओं को किया सम्मानित, पृथकवास केन्द्र बनाने की पहल
Modified Date: December 5, 2025 / 03:26 pm IST
Published Date: December 5, 2025 3:26 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा)  खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में थाईलैंड में एफईआई एशियाई घुड़सवारी चैंपियनशिप में एक व्यक्तिगत स्वर्ण सहित पांच पदक जीतने वाली भारतीय ‘इवेंटिंग’ और ‘ड्रेसेज’ टीमों को सम्मानित किया और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए घोड़ों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने हेतु एक वर्ष के अंदर देश में एक पृथकवास केंद्र स्थापित करने का वादा किया।

पटाया में आयोजित प्रतियोगिता में छह सदस्यीय भारतीय टीम ने भाग लिया था जिसमें से आशीष लिमये ने दो पदक जीते। उन्होंने इवेंटिंग में एक ऐतिहासिक व्यक्तिगत स्वर्ण और टीम स्पर्धा में एक रजत हासिल किया। श्रुति वोरा ने तीन रजत पदक हासिल किए, जिनमें से दो व्यक्तिगत और एक टीम ड्रेसेज में था।

भारतीय टीम के अन्य सदस्यों में इवेंटिंग में शशांक सिंह कटारिया और शशांक कनमूरी, तथा ड्रेसेज में दिव्याकृति सिंह और गौरव पुंडीर थे।

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मांडविया ने खिलाड़ियों को सम्मानित करने के बाद कहा, ‘‘भारत उन खेल विधाओं में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है जिनमें पहले हमारी वैश्विक उपस्थिति शायद ही कभी रही हो। मैं आप सभी की उस लगन की प्रशंसा करता हूं जिसके साथ आपने एक ऐसी विधा को अपनाया है जिसके लिए भारत में सीमित सुविधाएं रही हैं। यह हालांकि 10 साल पहले वाला भारत नहीं है।’’

इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पहले घोड़ों को पृथक रखने के लिए जरूरी पृथकवास केंद्र की लंबे समय से चली आ रही मांग पर भी चर्चा की गई। यह केंद्र एक विशेष सुविधा है जो घोड़ों को प्रतियोगिताओं से पहले किसी भी बीमारी के निगरानी , पशु चिकित्सा देखभाल और प्रशिक्षण स्थान प्रदान करता है।

भारत में मेरठ के रिमाउंट वेटनरी सेंटर (आरवीसी) में एक अश्व रोग-मुक्त कंपार्टमेंट (ईडीएफसी) है, जिसे इस साल की शुरुआत में विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच) द्वारा मान्यता दी गई थी। ईडीएफसी के पास पृथकवास, अपशिष्ट प्रबंधन, कर्मियों के आचरण, आपातकालीन प्रतिक्रिया और आवाजाही नियंत्रण सहित सभी महत्वपूर्ण कार्यों की सुविधा है।

प्रतियोगिता से तीन रजत पदक जीतने वाली श्रुति वोरा ने खिलाड़ियों की चिंताओं पर मंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं तो उन्होंने तुरंत सभी को अश्व रोग-मुक्त क्षेत्र पर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमें चुनिंदा खिलाड़ियों को विदेश भेजने की जगह देश में एक संपूर्ण इकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) चाहिए।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत


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