भारतीय खेलों में 2025 में नारी शक्ति ने दिखाया कमाल, डोपिंग और प्रशासनिक समस्याएं बनी रही

भारतीय खेलों में 2025 में नारी शक्ति ने दिखाया कमाल, डोपिंग और प्रशासनिक समस्याएं बनी रही

  •  
  • Publish Date - December 30, 2025 / 12:06 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 12:06 PM IST

(पूनम मेहरा)

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) चाहे वह क्रिकेट के मैदान की गहमागहमी हो या मुक्केबाजी का क्रूर रिंग, या फिर शतरंज के बोर्ड पर दिमागी खेल हो या निशानेबाजी और तीरंदाजी में सटीक लक्ष्य लगाना, वर्ष 2025 में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने प्रत्येक खेल में अपनी खास छाप छोड़ी।

शतरंज में 19 वर्षीय खिलाड़ी दिव्या देशमुख भारत की पहली महिला विश्व कप विजेता बनीं। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली क्रिकेट टीम ने मुश्किल दौर से उबरकर और सोशल मीडिया पर हो रहे ताने-बाने को नजरअंदाज करते हुए महिला वनडे विश्व कप जीतकर इतिहास रचा।

निशानेबाजी में 19 वर्षीय सुरुचि सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में तीन व्यक्तिगत पदकों सहित चार विश्व कप स्वर्ण पदक जीतकर उस स्पर्धा में अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें अब तक दो बार की ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर का दबदबा रहा था।

फुटबॉल के मैदान पर जहां पुरुष टाम एक के बाद एक झटके झेलती रही, वहीं महिला टीम ने अगले साल के एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करके आशा की किरण जगाई।

भारतीय महिला फुटबॉल टीम का यह प्रदर्शन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बीच भारतीय पुरुष टीम ने लगातार निराशाजनक प्रदर्शन किया जबकि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) में भी अव्यवस्था बनी रही।

तीरंदाजी में 18 वर्षीय शीतल देवी न केवल बिना हाथ वाली पहली पैरा विश्व चैंपियन बनीं, बल्कि उन्होंने सक्षम शरीर वाले खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए राष्ट्रीय टीम में भी जगह बनाई।

भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम भी श्रीलंका से विश्व चैंपियन बनकर लौटी। दीपिका टीसी के नेतृत्व में इन महिलाओं ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सफलता हासिल की। उन्होंने दिल दहला देने वाली कहानियां सुनाईं कि कैसे विश्व कप जीतने की चाह में उनके लिए दिन में तीन बार का भोजन भी किसी विलासिता से कम नहीं था।

मुक्केबाजी में पुरुष खिलाड़ियों को साल भर संघर्ष करना पड़ा लेकिन महिला खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। जैस्मीन लैंबोरिया और मीनाक्षी हुडा ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर मनोबल बढ़ाया।

भारोत्तोलन में मीराबाई चानू की श्रेष्ठता को इस साल भी कोई चुनौती नहीं दे सका। तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मणिपुर की यह खिलाड़ी भले ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन इसके बावजूद वह इस खेल में भारत की अग्रणी खिलाड़ी बनी हुई हैं।

पीठ की लगातार समस्या से जूझने के बावजूद मीराबाई ने राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के साथ-साथ विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक भी जीता।

उनका पसंदीदा 49 किलोग्राम वर्ग अब ओलंपिक सूची का हिस्सा नहीं है। ऐसे में यह देखना बाकी है कि वह 2028 में लॉस एंजिल्स खेलों के लिए किस तरह से तैयारी करती हैं।

कुश्ती में महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने यह सुनिश्चित किया कि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता अमन सेहरावत का निराशाजनक प्रदर्शन ही इस वर्ष चर्चा का एकमात्र विषय न हो। अंतिम ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता जो इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल कुश्ती डोपिंग विवादों और कुछ पहलवानों के अधिक वजन वर्ग के कारण प्रतियोगिताओं से बाहर होने के लिए अधिक चर्चा में रही थी।

भारतीय महिला टीम ने जहां वनडे विश्व कप जीता वहीं पुरुष टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप अपने नाम किया। भारतीय पुरुष टीम हालांकि टेस्ट क्रिकेट में जूझती नजर आई।

ऐसा ही कुछ भाला फेंक के धुरंधर नीरज चोपड़ा के साथ भी देखने को मिला। उन्होंने आखिरकार लंबे इंतजार के बाद दोहा डायमंड लीग में 90 मीटर के जादुई आंकड़े को पार किया लेकिन विश्व चैंपियनशिप में वह अप्रत्याशित रूप से आठवें स्थान पर रहे।

भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में परेशानी की शुरुआत इस साल दो दिग्गज खिलाड़ियों रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के साथ हुई।

भले ही देश को शुभमन गिल के रूप में एक नया कप्तान मिल गया हो, फिर भी ये दोनों दिग्गज खिलाड़ी प्रशंसकों के लिए सबसे बड़े आकर्षण बने रहे। ऐसा तब हो रहा है जबकि रोहित और कोहली दोनों अब केवल वनडे प्रारूप में खेलते हैं।

आलोचनाओं से घिरे मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने इन दोनों खिलाड़ियों के 2027 विश्व कप में खेलने की संभावनाओं पर सीधे जवाब देने से लगातार परहेज किया।

पुरुष हॉकी टीम के लिए भी यह साल काफी अच्छा रहा। सीनियर टीम ने एशिया कप जीतकर 2026 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और जूनियर टीम ने अपने घरेलू धरती पर खेले गए विश्व कप में कांस्य पदक जीता।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में विभिन्न खेलों में अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन इस साल भी खेल प्रशासन प्रमुख चिंता का विषय बना रहा, जैसा कि एआईएफएफ के वाणिज्यिक साझेदार खोजने के संघर्ष से स्पष्ट होता है।

खेल मंत्री मनसुख मांडविया के नेतृत्व वाले खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम से इस समस्या का समाधान करने का प्रयास किया, जिसका उद्देश्य प्रशासकों और उनके द्वारा किए जा रहे वित्त प्रबंधन को अधिक गहन जांच के दायरे में लाना है।

नया कानून अगले साल की शुरुआत में लागू हो जाएगा और कानूनी परामर्श के बाद इसके कार्यान्वयन को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।

भारत को इस साल 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भी मिली जिनका आयोजन अहमदाबाद में किया जाएगा। इसके अलावा भारत 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी की दौड़ में भी शामिल है।

ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने में भारत के लिए एक बड़ी बाधा उसका बेहद खराब डोपिंग रिकॉर्ड हो सकता है। लगातार तीसरे वर्ष भारत विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के 2024 के परीक्षण आंकड़ों में डोपिंग के लिए पॉजिटिव पाए जाने वाले परिणाम की सूची में शीर्ष पर रहा।

इस साल खेल मंत्रालय को जिस एक और जटिल मुद्दे से निपटना पड़ा, वह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के खेल संबंधों से जुड़ा था। भारत ने इस पर कड़ा रवैया अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी स्थान पर द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलने का लिखित निर्णय लिया। भारत ने हालांकि ओलंपिक चार्टर का सम्मान करते हुए वैश्विक प्रतियोगिताओं में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का विकल्प खुला रखा है।

भारत के खेल कैलेंडर में इस साल एक ऐसी घटना भी घटी जिसने खेल से लगभग कोई संबंध नहीं रखा, लेकिन प्रशंसक जिसके लिए बेहद उत्साहित थे, वह थी अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोनेल मेस्सी का भारत के चार शहरों का तीन दिवसीय दौरा।

इस स्टार स्ट्राइकर को भारत लाने के लिए एक निजी आयोजक ने 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। मेस्सी के इस दौरे के दौरान हालांकि कोलकाता में अव्यवस्था भी देखने को मिली।

वर्ष 2025 में भारत को कुछ नए सितारे मिले और अब सब की निगाह उन पर टिकी होगी। अगला साल इन खिलाड़ियों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि आने वाले वर्ष में कई महत्वपूर्ण प्रतियोगिताएं होने वाली हैं।

इन प्रतियोगिताओं में पुरुष टी20 विश्व कप, महिला टी20 विश्व कप, हॉकी विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट शामिल हैं।

भाषा

पंत

पंत