सीधे खड़े होकर खेलने से उन्हें विभिन्न प्रारूपों और परिस्थितियों में ढलने में मदद मिलती है : श्रेयस

सीधे खड़े होकर खेलने से उन्हें विभिन्न प्रारूपों और परिस्थितियों में ढलने में मदद मिलती है : श्रेयस

सीधे खड़े होकर खेलने से उन्हें विभिन्न प्रारूपों और परिस्थितियों में ढलने में मदद मिलती है : श्रेयस
Modified Date: October 23, 2025 / 07:43 pm IST
Published Date: October 23, 2025 7:43 pm IST

एडीलेड, 23 अक्टूबर (भाषा) भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीधे खड़े होकर बल्लेबाजी करने से उन्हें आत्मविश्वास और निरंतरता हासिल करने में मदद मिल रही है जिससे वह अलग अलग हालात के मुताबिक खुद को बेहतर ढाल पा रहे हैं ।

आस्ट्रेलिया के हाथों दूसरे वनडे में भारत की दो विकेट से हार के बाद अय्यर ने कहा कि वह पिछले एक साल से अपनी तकनीक पर काफी काम कर रहे हैं ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हाल ही में जो तकनीक मैं अपना रहा हूं, वह ऐसी नहीं है जिसे मैंने अचानक बदला हो। पिछले एक साल से मैं सीधा खड़ा रहना चाहता था, खासकर उन विकेटों पर जहाँ उछाल उम्मीद से थोड़ा ज्यादा होता है।’’

 ⁠

अय्यर ने कहा ,‘‘ मैने अपने कोच के साथ इस पर काम किया और यह मुझे काफी रास आ रही है । मैं अपने शुरूआती दिनों में इसी तरह से खेलता था तो अपनी पुरानी तकनीक पर ही लौटा हूं ।’’

उन्होंने कहा कि हालात के अनुरूप अपने ‘स्टांस’ को बदलना उनके खेल का अहम हिस्सा हो गया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मुंबई में जब हम लाल मिट्टी की पिचों पर खेलते थे जिन पर अतिरिक्त उछाल होता है, वहां भी इससे मदद मिलती थी । हर पिच अलग होती है तो नयी नयी चीजें आजमानी पड़ती है । मैने अपना स्टांस कई बार बदलाव है और अब मैं किसी भी हालात में खेल सकता हूं ।’’

रोहित शर्मा के साथ 118 रन की साझेदारी करने वाले श्रेयस ने कहा कि फोकस चुनौतीपूर्ण विकेट पर लय बनाये रखने की थी क्योंकि आस्ट्रेलियाई गेंदबाज काफी अनुशासित गेंदबाजी कर रहे थे ।

उन्होंने कहा कि दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान हो गई थी लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि आस्ट्रेलिया ने लक्ष्य का बखूबी पीछा किया ।

भाषा मोना नमिता

नमिता


लेखक के बारे में