मनोवैज्ञानिको ने भारतीय खिलाड़ियों को भावनाओं का इजहार करने की दी सलाह

मनोवैज्ञानिको ने भारतीय खिलाड़ियों को भावनाओं का इजहार करने की दी सलाह

मनोवैज्ञानिको ने भारतीय खिलाड़ियों को भावनाओं का इजहार करने की दी सलाह
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: May 14, 2021 3:47 pm IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) कोरोना वायरस महामारी के कारण कई प्रतियोगिताएं रद्द होने से ओलंपिक टिकट हासिल करने में नाकाम रहे खिलाड़ियों में मानसिक स्वास्थ्य से जूझने की बढती समस्या को देखते हुए मनोवैज्ञानिकों की एक समिति ने शुक्रवार को भावनाओं को खुल कर इजहार करने की सलाह दी।

कई एथलीटो के साथ काम कर चुकी मुग्धा बावरे एक परिचर्चा ने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ के मुद्दे को आमतौर पर अनदेखा किया जाता है। एथलीटों ने महामारी के दौरान जो सबसे महत्वपूर्ण बात सीखी है, वह यह कि अगर भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो खुद को व्यक्त करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन खिलाड़ियों के लिए यह दिल तोड़ने वाला है जो क्वालीफाइंग प्रतियोगिता रद्द होने से ओलंपिक टिकट नहीं हासिल कर सके। जो क्वालीफाई कर गये है उनके लिए भी अनिश्चितता का माहौल एक चुनौती है।’’

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ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके एथलीटों के साथ काम कर रही संजना किरण ने इस परिचर्चा में कहा, ‘‘ खासकर ऐसे खिलाड़ियों के लिए चीजें आसान नहीं होंगी , जिनके लिए तोक्यो में होने वाले खेल आखिरी ओलंपिक होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ टूर्नामेंटों के रद्द होने के कारण जिन खिलाड़ियों का ओलंपिक सपना चकनाचूर हुआ है , मैं उन्हें सुझाव दूंगी कि अपनी भावनाओं और निराशा को जाहिर करने के साथ समस्या के समाधान पर काम करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस महामारी ने खिलाड़ियों को ऐसी स्थिति में धकेल दिया जहां चीजे उनके हाथ में नहीं थी। वे हालांकि समझते है कि असहज और असहाय महसूस करना भी ठीक है और चीजों को सामान्य होने में थोड़ा समय लगेगा।’’

भाषा आनन्द आनन्द मोना

मोना


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