Punjab Cricketer Vikram Singh Death: पंजाब के दिग्गज क्रिकेटर का निधन, IPL2025 के फाइनल के बाद आई बुरी खबर, लगाते रहे गुहार, नहीं मिली कोई मदद
Punjab Cricketer Vikram Singh Death: पंजाब के दिग्गज क्रिकेटर का निधन, IPL2025 के फाइनल के बाद आई बुरी खबर, लगाते रहे गुहार, नहीं मिली कोई मदद
Janjgir-Champa News/ Image Credit: IBC24 File Photo
- क्रिकेटर विक्रम सिंह की ट्रेन में इलाज न मिलने से मौत
- तीन घंटे तक रेलवे से मांगी मदद, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं
- बीसीसीआई और राज्य संघ की अनदेखी से नाराज दिव्यांग खिलाड़ी
मथुरा: Punjab Cricketer Vikram Singh Death आईपीएल 2025 खत्म होने के बाद से खेल जगत से बुरी खबरें आ रही है। जहां एक ओर आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ से 11 लोगों की मौत हो गई तो वहीं दूसरी ओर पंजाब के क्रिकेटर की ट्रेन में निधन होने की खबर सामने आ रही है। क्रिकेटरों की पूरी टीम प्रतियोगिता में शामिल होने ग्वालियर जा रही थी, लेकिन इसी दौरान ट्रेन में उनकी तबीयत बिगड़ गई और ट्रेन में ही उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद साथी खिलाड़ियों ने रेलवे से मदद मांगी, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी मदद नहीं मिली। फिलहाल विक्रम सिंह के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस में रखा गया है। परिजनों के आने के बाद उन्हें सौंप दिया जाएगा।
Punjab Cricketer Vikram Singh Death मिली जानकारी के अनुसार पंजाब के दिव्यांग क्रिकेटरों की टीम एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से ग्वालियर आ रही थी। इसी दौरान निजामुद्दीन स्टेशन के पास क्रिकेटर विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ने लगी। विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद साथी खिलाड़ियों ने रेलवे से मदद मांगी, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिल पाई। वहीं, मथुरा पहुंचने से पहले ट्रेन डेढ़ घंटे तक खड़ी रही, अंतत: विक्रम सिंह की सांसें ट्रेन में ही थम गई।
पंजाब टीम के 11 खिलाड़ियों के साथ जा रहे थे ग्वालियर विक्रम सिंह पंजाब के अहमदगढ़ मंडी के पिहड़ी गांव के रहने वाले थे। उनके साथ पंजाब टीम से पवन, राजा, निर्मल और प्रवीन शामिल थे। पवन ने बताया, पांच जून से ग्वालियर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट है। वह अपने पांच साथियों के साथ बुधवार सुबह साढ़े चार बजे दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में बैठे थे।
ट्रेन मथुरा पहुंची, तब तक जा चुकी थी जान मथुरा जंक्शन पर ट्रेन सुबह 8.10 पर पहुंची तो रेलवे के डॉक्टरों ने विक्रम की जांच की। लेकिन, तब तक विक्रम की मौत हो चुकी थी। इसके बाद विक्रम के सभी साथी जंक्शन पर उतर गए। साथी क्रिकेटरों का कहना था कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था। जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया, विक्रम के साथियों ने रेलवे के नंबर पर शिकायत की थी। लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। क्रिकेटर के परिजन आ रहे हैं। उसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा।
बीसीसीआई की अनदेखी से खिलाड़ी निराश भले ही विक्रम की मौत समय पर इलाज न मिलने से हुई, लेकिन दिव्यांग खिलाड़ी इस बात से निराश हैं कि उन्हें टीम इंडिया जैसे क्रिकेटरों की तरह तवज्जो नहीं मिलती। उनका कहना है कि अगर ऐसा बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त किसी घरेलू क्रिकेटर के साथ हुआ होता, तो तुरंत इलाज मिलता, सम्मान को लेकर हलचल मच जाती। लेकिन विक्रम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पड़ा है और उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। कप्तान सोमजीत का कहना है कि उनकी राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से भी कोई जवाब या मदद नहीं पहुंची।

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