सरनदीप सिंह दिल्ली के रणजी कोच, गुरशरण सिंह नए मुख्य चयनकर्ता नियुक्त

सरनदीप सिंह दिल्ली के रणजी कोच, गुरशरण सिंह नए मुख्य चयनकर्ता नियुक्त

सरनदीप सिंह दिल्ली के रणजी कोच, गुरशरण सिंह नए मुख्य चयनकर्ता नियुक्त
Modified Date: September 20, 2024 / 10:05 pm IST
Published Date: September 20, 2024 10:05 pm IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर और राष्ट्रीय चयनकर्ता सरनदीप सिंह आगामी घरेलू सत्र के लिए दिल्ली की सीनियर टीम के नए मुख्य कोच होंगे।

उन्हें राज्य इकाई की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) द्वारा नियुक्त किया गया।

गेंदबाजी कोच वी अरविंद और बल्लेबाजी कोच बंटू सिंह उनके सहायक कोच होंगे। ये दोनों पिछले साल से इसी पद पर बने हुए हैं।

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दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) द्वारा बनाए गए एक नए पद में सीनियर पुरुष टीम के पास दो मेंटोर (मार्गदर्शक) होंगे। सफेद गेंद के लिए अतुल वासन और लाल गेंद के लिए रॉबिन सिंह जूनियर यह जिम्मेदारी निभायेंगी। रीमा मल्होत्रा ​​​​महिला टीम की मेंटोर होंगी।

पिछले साल के कोच देवांग गांधी व्यक्तिगत कारणों से इस सत्र में उपलब्ध नहीं होंगे और उन्होंने कोच के पद के लिए आवेदन नहीं किया है।

समझा जाता है कि पूर्व भारतीय खिलाड़ियों सुरिंदर खन्ना, निखिल चोपड़ा और अंजलि मल्होत्रा ​​की सीएसी के पास शीर्ष पद के लिए सरनदीप और दिल्ली के पूर्व कोच केपी भास्कर दो विकल्प थे।

सरनदीप (44 वर्ष) ने 2000 से 2003 के बीच भारत के लिए तीन टेस्ट और पांच वनडे खेले हैं। वह एमएसके प्रसाद के अंतर्गत उत्तर क्षेत्र से राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे हैं।

पूर्व भारतीय बल्लेबाज और पंजाब के एकमात्र रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान गुरशरण सिंह की चयन समिति के अध्यक्ष पद के लिए सिफारिश की गई है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के लिए कट-ऑफ उम्र 60 वर्ष रखी गई है जबकि राज्य क्रिकेट में ऐसा कोई नियम नहीं है। 61 वर्षीय गुरशरण जूनियर कोच से लेकर वरिष्ठ चयनकर्ता तक हमेशा डीडीसीए तंत्र का हिस्सा रहे हैं और कई बार सीएसी के सदस्य भी रहे हैं।

समझा जाता है कि अगर सीएसी की सिफारिश का पालन किया जाता है तो भास्कर और दिल्ली के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज राजीव विनायक अन्य दो चयनकर्ता होंगे।

डीडीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हालांकि डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली ने कभी भी क्रिकेट के किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। उन्होंने उप समितियों को पूरी छूट दी है। लेकिन इस मुद्दे पर उनकी राय निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण होगी। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत


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