नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने संन्यास लेने की घोषणा की है। सरदार पिछले 12 सालों में भारतीय हॉकी के सबसे बड़े सितारों में एक बन कर उभरे। सरकार को करिश्माई मिडफील्डर माना जाता था। हालांकि उनका सपना 2020 में तोक्यो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने का था। लेकिन उन्होंने इससे पहले ही हॉकी से संन्यास ले लिया।
एशियाई खेलों में भारतीय हॉकी टीम के खराब प्रदर्शन के बाद 32 वर्षीय सरदार सिंह ने संन्यास लेने का मन बना लिया। उन्होंने स्वीकार किया कि सेमीफाइनल में मलेशिया से मिली हार ने उन्हें संन्यास के बारे में सोचने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि ‘मैं खेलना जारी रखना चाहता था और मुझे लगता है कि मैं अभी कुछ साल और खेल सकता था। लेकिन मैं मलेशिया से मिली हार को पचा नहीं पा रहा हूं। उस हार के बाद मैं कई दिनों तक सो नहीं पाया। इसके बाद ही मैंने संन्यास के बारे में सोचना शुरू किया’।
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सरदार ने अपने करियर में कई खिताब जीते। उनकी मौजूदगी में टीम ने इंचियोन एशियाई खेलों (2014) में स्वर्ण के अलावा 2010 और 2018 में कांस्य पदक हासिल किया। उन्होंने 2 बार राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक हासिल किया। इस साल ब्रेडा में चैम्पियंस ट्रोफी में टीम ने ऐतिहासिक रजत पदक हासिल किया।
भारतीय हॉकी टीम ने उनकी मौजूदगी में एशिया कप का खिताब भी दो बार अपने नाम किया। वे 2008 में टीम के कप्तान बने और 8 वर्षों तक टीम की बागडोर संभालने के बाद 2016 में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। सबसे कम उम्र में टीम की कमान संभालने वाले सरदार सिंह ने 350 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया।
वेब डेस्क, IBC24