निशानेबाजों ने शीर्ष राइफल कोच पर बंदूक से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया |

निशानेबाजों ने शीर्ष राइफल कोच पर बंदूक से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया

निशानेबाजों ने शीर्ष राइफल कोच पर बंदूक से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया

:   Modified Date:  May 28, 2024 / 04:40 PM IST, Published Date : May 28, 2024/4:40 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कोच पर कुछ निशानेबाजों के अभिभावकों ने उनकी राइफलों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है जिसका राष्ट्रीय महासंघ ने खंडन किया है।

कथित तौर पर प्रभावित एक निशानेबाज के अभिभावक ने गोपनीयता की शर्त पर मंगलवार को पीटीआई को बताया कि कोच ने उनके बेटे की राइफल से छेड़छाड़ कर दी थी जिसके कारण उन्हें नए उपकरण खरीदने पड़े। उन्होंने हालांकि कोच की पहचान बताने से भी इंकार कर दिया।

इस निशानेबाज के पिता ने कहा,‘‘कोच ने मेरे बेटे की बंदूक को खराब कर दिया, इस कारण हमें नई बंदूक खरीदनी पड़ी। विश्व कप से एक दिन पहले निशानेबाज की अनुमति के बिना कोच बंदूक में इस तरह के बदलाव कैसे कर सकता है।’’

उन्होंने कहा,‘‘यह पिछले साल भोपाल में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान हुआ था। यह कोच जब भी टीम के साथ विदेश जाता है तब ऐसा होता है। कोच का तर्क होता है कि आपको प्रयोग करने की जरूरत है लेकिन विश्व कप से एक दिन पहले आप किस तरह के प्रयोग कर रहे हैं। ’’

उन्होंने बताया कि कई निशानेबाज इस संबंध में एनआरएआई (भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ) को भी सूचित कर चुके हैं।

एनआरएआई के महासचिव राजीव भाटिया ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्हें इस तरह की किसी घटना का पता नहीं है।

भाटिया ने कहा,‘‘मुझे कोई पता नहीं है। किसी ने भी हमसे संपर्क नहीं किया। किसी ने भी हमारे पास शिकायत दर्ज नहीं की है। मुझे नहीं लगता कि ऐसा हुआ होगा। अगर ऐसा हुआ था तो फिर निशानेबाजों को खुलकर सामने आना चाहिए था। उनका चयन नहीं होने पर ही इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं। भोपाल में विश्व कप पिछले साल मार्च में हुआ था और तब से काफी समय बीत चुका है।’’

एक अन्य निशानेबाज के पिता ने आरोप लगाया कि इस कोच का बंदूकों से छेड़छाड़ करने का पुराना रिकॉर्ड रहा है।

उन्होंने कहा,‘‘मेरा बेटा विश्व कप खेलने गया था और कोच ने जूरी (सदस्य) के साथ मिलकर बंदूक के साथ छेड़छाड़ की थी। कोच का बंदूकों के साथ छेड़छाड़ का पुराना रिकॉर्ड है। हम इसे एनआरएआई के संज्ञान में नहीं लाए क्योंकि हमें प्रतिशोध का डर है।’’

भाषा

पंत मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)