खिलाड़ियों के साथ इंसान की तरह व्यवहार करो, पदक जीतने वाले रोबोट की तरह नहीं: अभिनव बिंद्रा

खिलाड़ियों के साथ इंसान की तरह व्यवहार करो, पदक जीतने वाले रोबोट की तरह नहीं: अभिनव बिंद्रा

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  • Publish Date - May 23, 2024 / 08:03 PM IST,
    Updated On - May 23, 2024 / 08:03 PM IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बृहस्पतिवार को खेल पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्सेदारों से अनुरोध किया कि वे खिलाड़ियों से पदक जीतने वाले रोबोट की तरह नहीं बल्कि इंसान की तरह ही बर्ताव करें।

भारतीय खिलाड़ियों की ओलंपिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों सभी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हालिया सफलता से सिर्फ खिलाड़ियों के दर्जे में ही इजाफा नहीं हुआ है बल्कि इससे उनसे लगी उम्मीदों का बोझ भी बढ़ा है।

बीजिंग 2008 ओलंपिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है जो केवल खिलाड़ियों के लिए नहीं बल्कि कोचों के लिए भी जरूरी है तथा खेल मनोवैज्ञानिकों को उनके साथ काफी सयंम बरतना चाहिए।

बिंद्रा ने यहां कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में खेल मनोवैज्ञानिकों के साथ वर्चुअल बातचीत में कहा, ‘‘सबसे अहम चीज है कि खिलाड़ियों से इंसान की तरह व्यवहार करना और उन्हें पदक जीतने वाले रोबोट की तरह तैयार करने का काम नहीं करना। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों के साथ भरोसा और रिश्ता बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। खिलाड़ियों के साथ लगातार मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए खेल मनोवैज्ञानिक को धैर्य बरतना चाहिए। ’’

बिंद्रा ने खेल मनोवैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि वे खिलाड़ियों, विशेषकर निशानेबाजों का तोक्यो में उनके पिछले ओलंपिक के प्रदर्शन के आधार पर आकलन नहीं करे बल्कि वे मौजूदा समय किस स्थान पर है, इसके आधार पर उन्हें देखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘तोक्यो ओलंपिक में जिन निशानेबाजों ने हिस्सा लिया था और जो पेरिस में हिस्सा लेगे, उनकी मानसिकता में कितना ज्यादा बदलाव हुआ होगा। खिलाड़ी मौजूदा स्थिति में कैसा कर रहे हैं, इस आधार पर उनका मनोवैज्ञानिक आकलन होना चाहिए, न कि चार साल पहले वे कैसे थे। खिलाड़ियों के विकास के अनुसार ही खेल मनोवैज्ञानिकों का भी विकास जरूरी है। ’’

भाषा नमिता

नमिता