कोहली की विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी के साथ शतक से दिल्ली की टीम जीती
कोहली की विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी के साथ शतक से दिल्ली की टीम जीती
बेंगलुरु, 24 दिसंबर (भाषा) विराट कोहली ने बुधवार को यहां विजय हजारे ट्रॉफी में 15 साल बाद वापसी करते हुए 58वां लिस्ट ए शतक जड़ा जो खाली मैदान पर शांत माहौल में एक भव्य ओपेरा जैसा था।
विजय हजारे ट्रॉफी में आंध्र के खिलाफ दिल्ली के लिए कोहली की 83 गेंद की पारी हमेशा की तरह शानदार थी, लेकिन बीसीसीआई के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ में इस मौके पर शोर मचाने वाले दर्शक मौजूद नहीं थे।
कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच आयोजित करने की अनुमति देने में हिचकिचाहट की वजह से केएससीए को मैच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में कराने के लिए मजबूर होना पड़ा और यह दर्शकों के लिए बंद था।
इसलिए शोरगुल वाले स्टेडियम के बजाय धीमी गति से चलने वाले कार्गो ट्रकों का एक झुंड, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और कुछ प्रशंसक कंटीली कंक्रीट की दीवारों के ऊपर से झांक रहे थे।
कोहली के लिए खुद भी यह थोड़ा अजीब होगा। पिछले डेढ़ दशक के में ज्यादातर समय 37 साल के इस खिलाड़ी ने हमेशा जोरदार स्वागत के बीच क्रिकेट मैदान पर कदम रखा है।
यहां तक कि इस साल की शुरुआत में 12 साल के ब्रेक के बाद फिरोजशाह कोटला में रणजी ट्रॉफी में उनकी वापसी पर भी भारी भीड़ उमड़ी थी।
लेकिन बुधवार को कोहली मैदान पर बिना किसी जयकार या ‘कोहली-कोहली’ के नारों के उतरे। वह भले ही किसी भी प्रारूप में खेलें, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के नारे हमेशा स्टेडियम में गूंजते रहते हैं।
लेकिन सन्नाटा तब टूटा जब क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के खिलाड़ी आपस में बात कर रहे थे या जब कभी-कभी संबंधित ड्रेसिंग रूम से तालियां बजती थीं।
लेकिन पूरे नजारे का अपना ही आकर्षण था। हमेशा प्रशंसकों से घिरा एक चैंपियन क्रिकेटर अब यह सब शांत माहौल में कर रहा था।
वह टीम के साथियों के साथ संक्षिप्त बातचीत और हाई-फाइव कर रहे थे। उन्होंने रिकी भुई की बाउंड्री रोकने के लिए एक डाइव लगाई और जब आंध्र के बल्लेबाजों ने दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी की धुनाई की तो उन्हें सलाह भी दी।
कोहली ने कुछ काल्पनिक धुन पर डांस भी किया। शायद अपने आस-पास उत्साह का माहौल बनाने की कोशिश में क्योंकि उन्हें क्रिकेट मैदान पर ऐसा बहुत कुछ पसंद है।
लेकिन इसका उनकी बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा। उनके कुछ कैच छूटे लेकिन इसे छोड़कर कोहली आसानी से अपने जाने-पहचाने अंदाज में आ गए।
उन्होंने कुछ शानदार शॉट्स लगाए जिसमें पुल शॉट, फ्लिक्स, कट्स और स्ट्रेट ड्राइव शामिल थे। उन्होंने 39 गेंद में 50 रन और 83 गेंद में 100 रन बना लिए। लेकिन उन्होंने ड्रेसिंग रूम की ओर एक हाथ हिलाकर साधारण तरीके से जश्न मनाया।
लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी था। शायद कोहली ने भी उस अकेलेपन का आनंद लिया होगा जिसकी उन्हें अक्सर चाहत रहती है।
इसी निजता की तलाश ने उन्हें अपने मुंबई के बहुत ही शानदार घर के अलावा लंदन में एक और ठिकाना बनाने पर मजबूर किया है। यहां उन्हें वह मनचाहा एकांत मिला।
लेकिन दिन हमेशा की तरह की अफरा-तफरी में खत्म हुआ। आंध्र के क्रिकेटरों और अधिकारियों ने तस्वीरों और ऑटोग्राफ के लिए उन्हें घेर लिया। उन्होंने भी मुस्कुराते हुए यह सब किया।
वहीं मैच के बाद आंध्र के खिलाड़ी और शतक जड़ने वाले रिकी भुई ने कहा, ‘‘कोहली के साथ मैच में खेलना एक सपना था। मैं हमेशा कोहली के साथ या उनके खिलाफ खेलना चाहता था और आंध्र के सभी क्रिकेटर इस मौके से बहुत खुश थे। ’’
भाषा नमिता मोना
मोना

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