हमने कभी पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच की मांग नहीं की: द्रविड़ |

हमने कभी पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच की मांग नहीं की: द्रविड़

हमने कभी पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच की मांग नहीं की: द्रविड़

:   Modified Date:  February 5, 2024 / 06:59 PM IST, Published Date : February 5, 2024/6:59 pm IST

… भरत शर्मा …

विशाखापत्तनम, पांच फरवरी (भाषा) भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सोमवार को कहा कि टीम प्रबंधन घरेलू मैदान पर खेलते समय ‘रैंक टर्नर (स्पिनरों के लिए अधिक मददगार पिच)’ की मांग नहीं करता है और यह अनुमान लगाना कठिन है कि टेस्ट में पांच दिनों के दौरान कोई विशेष पिच कैसा बर्ताव करेगी। इससे पहले 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के ज्यादातर मैच स्पिनरों की मददगार पिच पर खेले गये थे और अधिकतर मुकाबले तीन के अंदर खत्म हुए थे। इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला के पहले दो टेस्ट चार दिनों तक चले हैं। हैदराबाद की पिच थोड़ी धीमी गति की थी जबकि विशाखापत्तनम में अधिकांश समय के दौरान पिच सपाट रही। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में जीत दर्ज करने के बाद द्रविड़ से जब पूछा गया कि आने वाले तीन मैचों की पिच विशाखापत्तनम की तरह होगी तो उन्होंने कहा कि अन्य लोगों की तरह उन्हें भी इस विषय पर कोई जानकारी नहीं है। द्रविड़ ने कहा, ‘‘ क्यूरेटर पिच तैयार करते है। ‘हम ‘रैंक टर्नर’ नहीं मांगते। जाहिर तौर पर भारत में पिचों पर गेंद टर्न लेगी। लेकिन गेंद कितना टर्न लेगी,  मैं विशेषज्ञ नहीं हूं। भारत में चार या पांच दिनों के दौरान पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है।’’ भारतीय कोच ने कहा, ‘‘मुझे कभी-कभी बताया जाता है कि गेंद तीसरे दिन से टर्न लेगी लेकिन वे पहले दिन से ही टर्न लेने लगती है। कभी-कभी मुझे बताया जाता है कि दूसरे दिन से पिच से स्पिनरों को मदद मिलेगी लेकिन  चौथे दिन तक कोई मदद नहीं होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हमे जो भी पिच मिलती है, हम उस पर अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करते हैं। हम राजकोट जा रहे है। हम देखेंगे कि हमें क्या मिलता है। हमारे सामने जो भी होगा हम उस पर खेलेंगे।’’ द्रविड़ भारतीय बल्लेबाजों से अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में विफल रहने पर थोड़े निराश दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि हमने दोनों पारियों में कम रन बनाये। इसका एक कारण यह हो सकता है कि टीम में कई युवा बल्लेबाज है। युवा बल्लेबाजों को टेस्ट क्रिकेट समझने में थोड़ा समय लगता है। हमें पहली पारी में 450-475 रन बनाने चाहिए थे।’’ द्रविड़ ने इस मौके पर इंग्लैंड के बल्लेबाजों की तारीफ की और कहा कि उनकी बल्लेबाजी सिर्फ अति आक्रामक रवैये के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वे (इंग्लैंड) बहुत अच्छा खेल रहे हैं। चाहे आप इसे ‘बैजबॉल’ कहें या कुछ भी कहें। मुझे नहीं पता कि वे इससे कितने खुश हैं, लेकिन वे वास्तव में अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने अच्छा कौशल दिखाया है। यह जोखिम लेकर अति आक्रामक रूख की तरह नहीं है।’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘ वे कुछ ऐसे शॉट खेल रहे है जिसके लिए अच्छे कौशल और क्षमता की जरूरत है। उनकी बल्लेबाजी सिर्फ आक्रामक क्रिकेट के बारे में नहीं है। वे अलग तरह से खेल रहे है और हमें चुनौती के बारे में पता है। हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं।’’ द्रविड़ ने मैच की दूसरी पारी में शतक लगाने वाले गिल (104) की मेहनत करने से पीछे नहीं हटने की जज्बे की तारीफ की। गिल ने पिछले 13 पारियों में पहली बार 50 रन के आंकड़े को पार किया था। बल्लेबाजी क्रम में तीसरे स्थान पर आने के बाद यह उनकी पहली शतकीय पारी है। उन्होंने कहा, ‘‘ वह (गिल) टेस्ट मैच में काफी दबाव में था। हमें हालांकि शुभमन पर काफी भरोसा है। हम उसकी स्तर और क्षमता के बारे में जानते है। हमने अतीत में देखा है कि वह कितना अच्छा खिलाड़ी है। उसने चटगांव और अहमदाबाद में मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाये है।’’ राजकोट टेस्ट के लिए विराट कोहली की उपलब्धता पर पूछे जाने पर द्रविड़ ने इस सवाल को चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया। कोहली निजी कारणों से पहले दो मैचों में नहीं खेल पाए थे। उन्होंने कहा, ‘‘अगले तीन मैचों के लिए टीम चुने जाने जाते समय चयनकर्ता इसका सर्वश्रेष्ठ जवाब दे पायेंगें।’’ भाषा आनन्द सुधीरसुधीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)