जब भी निराश होता हूं तो मेस्सी का वीडियो देखता हूं, इससे खुशी मिलती है: छेत्री | Whenever I am disappointed, I watch Messi's video, it brings happiness: Chhetri

जब भी निराश होता हूं तो मेस्सी का वीडियो देखता हूं, इससे खुशी मिलती है: छेत्री

जब भी निराश होता हूं तो मेस्सी का वीडियो देखता हूं, इससे खुशी मिलती है: छेत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : June 12, 2021/12:39 pm IST

दोहा, 12 जून (भाषा) फुटबॉल मैदान पर लियोनेल मेस्सी के मंत्रमुग्ध कर देने वाले खेल को देख कर सुनील छेत्री को निराशा के समय भी खुशी मिलती है लेकिन भारत के इस करिश्माई फुटबॉल खिलाड़ी ने शनिवार को यह साफ कर दिया कि अर्जेंटीना के इस दिग्गज खिलाड़ी के साथ उसकी तुलना ‘बेवकूफी’ की तरह है।

मौजूदा सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने के मामले में छेत्री ने मेस्सी को पछाड़ दिया है और दूसरे स्थान पर आ गये है।

छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 16 साल पूरे होने पर एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ जब मैं दुखी होता हूं तो मैं मेस्सी के वीडियो देखता हूं और इससे मुझे खुशी मिलती है। इसलिए जब मैं उनसे मिलूंगा, तो मैं उनसे कहूंगा कि मैं उनका प्रशंसक हूं और उनसे अच्छे से हाथ मिलाउंगा।’’

छेत्री से जब पूछा गया कि मेस्सी से मिलने पर वह क्या करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘ उनके ‘हाय (अभिवादन)’ करने के बाद कहूंगा कि मैं सुनील छेत्री हूं और मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मैं उन्हें परेशान नहीं करूंगा। अगर मैं उससे मिलूं तो मुझे खुशी होगी, अगर मैं नहीं हूं, तो भी मैं अच्छा ही महसूस करूंगा।’’

छेत्री ने फीफा विश्व कप 2022 एवं एशियाई कप 2023 की संयुक्त क्वालीफाइंग मैच में सात जून को बांग्लादेश के खिलाफ दो गोल कर मेस्सी को पीछे छोड़ा। भारत ने इस मैच कों 2-0 से जीता था। छेत्री के नाम 74 अंतरराष्ट्रीय गोल है तो वही मेस्सी ने अंतरराष्ट्रीय मैचों में 72 गोल किये है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया में किसी अन्य की तरह मैं भी मेस्सी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। हम दोनों में कोई तुलना ही नहीं है। मैं बस खुश हूं कि मुझे अपने देश के लिए गोल करने का मौका मिला और मैं गर्व महसूस कर रहा हूं।’’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ मैं उन सभी महान खिलाड़ियों के साथ अपनी तुलना करने की बेवकूफी नहीं करना चाहता। ऐसे हजारों खिलाड़ी हैं जो मुझसे बेहतर हैं और ये सभी लियोनेल मेस्सी के प्रशंसक भी हैं। यही अंतर है।’’

छेत्री ने आज ही के दिन 16 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था। उस समय टीम के मुख्य कोच सुखविंदर सिंह थे।

छेत्री ने तब से 117 मैचों में देश के लिए 74 गोल किये है, सक्रिय खिलाड़ियों में सिर्फ क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम उनसे ज्यादा गोल है। छेत्री इस खेल के महानतम खिलाड़ी माने जाने वाले पेले की बरारबरी से तीन गोल दूर है।

उन्होने कहा, ‘‘ यह एक अद्भुत और शानदार यात्रा रही है। राष्ट्रीय टीम के लिए इतने वर्षों तक खेलना, देश का इतनी बार प्रतिनिधित्व करना एक सपने की तरह है।’’

जब छेत्री राष्ट्रीय टीम में आए तो बाईचुंग भूटिया, रेनेडी सिंह और महेश गवली जैसे दिग्गज मौजूद थे। वह अब 36 साल के हो चुके है और टीम में सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि वह टीम में ‘बच्चों’ के बीच कभी-कभी अकेलापन महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है जैसे यह कल की ही बात हो, जब दो बच्चे संदेश झिंगन और गुरप्रीत सिंह टीम में आये थे। लेकिन अब वे टीम के मुख्य खिलाड़ी है। समय तेजी से निकल जाता है। टीम में मेरे समय का कोई नहीं है।’’

छेत्री ने कहा कि उनके ऊपर भूटिया का काफी प्रभाव है और वह अपने पूर्व कप्तान से सलाह लेते रहते है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अभी दो दिन पहले, मेरी बाईचुंग दा के साथ बातचीत हो रही थी। मैं उसे बता रहा था कि मैं पुराने शिविर को कैसे याद करता हूं, अब मैं उनमें से किसी के साथ नहीं रहता हूं। ’’

भाषा आनन्द आनन्द मोना

मोना

 

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