मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की रोशनी जाने के मामले में जांच के आदेश, सरकार उठाएगी सारा खर्च | After the cataract operation, the order of investigation in the case of light of patients

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की रोशनी जाने के मामले में जांच के आदेश, सरकार उठाएगी सारा खर्च

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की रोशनी जाने के मामले में जांच के आदेश, सरकार उठाएगी सारा खर्च

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की रोशनी जाने के मामले में जांच के आदेश, सरकार उठाएगी सारा खर्च
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: October 2, 2019 2:14 pm IST

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि छिन्दवाड़ा में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की रोशनी जाने के मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं, जांच में जिसकी भी लापरवाही या दोष सामने आयेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही सीएम ने कहा हैै कि इन मरीजों के इलाज का खर्च सरकार उठायेगी और इनकी रोशनी वापस लाने के सभी प्रयास किये जायेंगे।

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बता दें कि छिंदवाड़ा जिले में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चार से पांच मरीजों की आंखों से रोशनी जाने का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन और नेत्र विभाग ने लापरवाह रवैय्या अपनाया हुआ है। जब मरीजों ने अपनी समस्या बताई तो उन्होंने कोई जिम्मेदारी लेने के बजाए मरीजों को सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय बैरागढ़ भोपाल रेफर कर दिया। आंखों की रोशनी गंवा चुके मरीज और उनके परिजन अब न्याय के लिए भटक रहे हैं।

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जिला अस्पताल में 11 और 19 सितंबर को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चार मरीज भर्ती किए गए थे। सभी जांचों के बाद 25 सितंबर को नेत्र रोग विशेषज्ञ ने चारो मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया था। 27 सितंबर को इन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। दो दिनों बाद ही इन्हे दिखना बंद हो गया था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer और शिफ्ट इंचार्ज हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।