अजय चंद्राकर ने पढ़ा विपक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का प्रस्ताव
अजय चंद्राकर ने पढ़ा विपक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का प्रस्ताव

रायपुर– आज शुरू हुआ विधानसभा शीतकालीन सत्र हंगामे से भरा रहा जिसमे संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर ने टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल पर विशेषाधिकार भंग का प्रस्ताव सदन में पढ़ा जिसमे भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव पर सदन की गरिमा को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया गया है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल ने विशेषाधिकार सूचना पढ़ने की अनुमति देने का विरोध किया है। इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने विपक्ष की आवाज दबाने और नई परम्परा की शुरुआत का आरोप लगाया है जिसे लेकर पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस शुरू हो गयी। ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इस बात के लिए खेद प्रगट किया और कहा कि ऐसा 30 सालों में कभी नहीं हुआ जो इस बार हो रहा है।कांग्रेस इस सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है जिसके तहत कल देर रात तक विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के बिंदुओं को लेकर रणनीति तैयार की गयी.जिसमे प्रभारी पीएल पुनिया भी मौजूद रहे.यह भी अटकले लगायी जा रही है कि आज पहले ही दिन कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव की सूचना सदन में दे देगी।कांग्रेस को मालूम है कि इस बार का सत्र सिर्फ चार दिनों का है.. लिहाजा कांग्रेस कल ही अविश्वास प्रस्ताव की सूचना विधानसभा सचिवालय को दे सकती है.
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वही विधायक अमित जोगी का मानना है कि विधानसभा का सत्र, जनहित के मुद्दों और समस्याओं को उठाने का सत्र है। सीडी जैसे व्यर्थ के विषय उठाकर, जनता से जुड़े आवश्यक मुद्दों को दबाया नहीं जाना चाहिए। प्रदेश के विधायक अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने सदन में आते हैं न की सीडी की चर्चा करने।इसलिए हम सदन के अपने सभी साथियों से एक बार फिर ये विनती करते हैं कि ‘सीडी नहीं सीजी की बात करें, आईये जनहित में हम काम करें।प्रदेश के तीन अमित जोगी, सियाराम कौशिक और आर.के. राय ने भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं से अपील की है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीडी की चर्चा करने के बजाये छत्तीसगढ़ के हितों पर चर्चा करें। संयुक्त रूप से जारी की गयी अपील में तीनों विधायकों ने कहा है कि कल से छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आरंभ हो रहा है। हम दोनों दलों के नेताओं से निवेदन करते हैं कि सदन में सीडी की नहीं बल्कि सीजी यानि छत्तीसगढ़ की बात करें। सीडी का मुद्दा उठाकर सदन का समय और जनता का पैसा व्यर्थ न करें।