Vande Bharat: जूनियर ‘बघेल’ से मिले ‘पायलट’, परिवारवाद पर फिर छिड़ा विवाद! भाजपा ने पूछा- आखिर चैतन्य बघेल कब से कांग्रेसी हो गए

जूनियर 'बघेल' से मिले 'पायलट', परिवारवाद पर फिर छिड़ा विवाद! State in-charge Sachin Pilot met Chaitanya Baghel, son of former CM Bhupesh Baghel

Vande Bharat: जूनियर ‘बघेल’ से मिले ‘पायलट’, परिवारवाद पर फिर छिड़ा विवाद! भाजपा ने पूछा- आखिर चैतन्य बघेल कब से कांग्रेसी हो गए
Modified Date: July 27, 2025 / 12:02 am IST
Published Date: July 26, 2025 11:49 pm IST

रायपुरः शनिवार को रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने मुलाकात की और गिरफ्तारी को सीधे-सीधे कांग्रेस नेताओं पर टारगेट करार दिया, जिस पर बीजेपी ने तंज कसा कि आखिर चैतन्य बघेल कब से कांग्रेसी हो गए। इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस को परिवारवाद के मुद्दे पर भी घेरा।

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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद चैतन्य बघेल से PCC प्रभारी सचिन पायलट ने मुलाकात की। करीब 15 मिनट की मुलाकात के दौरान सचिन पायलट ने चैतन्य बघेल और कवासी लखमा से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रभारी ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। लेकिन पार्टी एकजुट होकर पुरजोर तरीके लड़ाई लड़ने का दावा किया। एक तरफ कांग्रेस प्रभारी बीजेपी पर केंद्र और प्रदेश की एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया तो बीजेपी नेता जेल में बंद चैतन्य बघेल से कांग्रेस नेताओं की मुलाकात पर हमलावर हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी कटाक्ष करने में देरी नहीं की। पीसीसी प्रभारी का जेल में जाकर मुलाकात करने से पहले कांग्रेस ने सड़क पर उतरकर चैतन्य के समर्थन में प्रदर्शन किया था। ऐसे में जब चैतन्य कांग्रेस पार्टी में है ही नहीं तो बीजेपी ने कांग्रेस में परिवारवाद के मुद्दे को एक बार फिर हवा दी। साथ ही तंज कसा कि पायलट को कांग्रेस की नहीं बल्कि पप्पू और बिट्टू की चिंता है।

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कुल मिलाकर चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर जुबानी तीर चला रहे। एक तरफ कांग्रेसी, जूनियर बघेल के समर्थन में एकजुटता के नारे बुलंद कर रहे हैं तो बीजेपी इसी बात पर हमलावर है कि, कांग्रेसी। सिर्फ एक नेता के परिवार की रक्षा के लिए ही सड़क पर आती है। लिहाजा अब ED के एक्शन और उसपर कांग्रेस के रिएक्शन के बाद मामले में परिवारवाद की एंट्री हो गई है। जिसका रंग सूबे की राजनीति में कितना चढ़ता है ये तो वक्त बताएगा।


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