अमिताभ बच्चन और आमिर खान ने सौमित्र चटर्जी को भारतीय सिनेमा के महान कलाकारों में से एक बताया

अमिताभ बच्चन और आमिर खान ने सौमित्र चटर्जी को भारतीय सिनेमा के महान कलाकारों में से एक बताया

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  • Publish Date - November 16, 2020 / 10:13 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

मुंबई, 16 नवंबर (भाषा) बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और आमिर खान ने अभिनेता सौमित्र चटर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारतीय सिनेमा के महान कलाकारों में से एक बताया। कोविड-19 के बाद पैदा हुई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से 40 दिन तक जूझने के बाद कोलकाता के एक अस्पताल में चटर्जी का रविवार को निधन हो गया था।

कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद छह अक्टूबर को 85 वर्षीय अभिनेता को अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में वह संक्रमणमुक्त तो हो गए थे, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ।

बच्चन ने चटर्जी के साथ 2018 की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए उन्हें ‘‘महान प्रतिभा’’ करार दिया।

रविवार देर रात 78 वर्षीय अभिनेता ने ट्वीट किया, ‘’सौमित्र चटर्जी, एक महान कलाकार। फिल्म उद्योग का एक बड़ा स्तंभ गिर गया। नम्र और प्रतिभा से धनी व्यक्तित्व….प्रार्थना।’’

बासु चटर्जी के निर्देशन में बनी 1979 की रोमांटिक फिल्म ‘मंजिल’ में बच्चन ने काम किया था और ऐसा कहा जाता है कि यह फिल्म मृणाल सेन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आकाश कुसुम’ से प्रेरित थी। इस बंगाली फिल्म में सौमित्र चटर्जी ने काम किया था।

सौमित्र चटर्जी के निधन पर आमिर खान ने कहा, ‘‘ भारतीय सिनेमा ने अपना एक प्रकाश पुंज खो दिया है।’’

उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ सौमित्र जी के परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनका काम हम सभी को आनंद देता रहेगा। श्री सौमित्र चटर्जी की आत्मा को शांति मिले।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं और हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

चटर्जी ने 1959 में आई निर्देशक सत्यजीत रे की फिल्म ‘अपुर संसार’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। रे के पसंदीदा अभिनेता ने उनकी ‘चारूलता’ ‘देवी’, ‘अभिजन’, ‘अरण्येर दिन रात्रि’, ‘घरे बायरे’ जैसी फिल्मों में काम किया।

दोनों का करीब तीन दशक का साथ रहा, जो रे के निधन पर ही खत्म हुआ।

उन्हें तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। 2012 में उन्हें सिनेमा जगत के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया।

भाषा स्नेहा नेत्रपाल

नेत्रपाल