संपत्ति विरूपण अधिनियम की कार्रवाई तेज,अब तक दो लाख 17 हजार 969 होर्डिंग्स-पोस्टर हटाए गए | Assembly Election 2018 :

संपत्ति विरूपण अधिनियम की कार्रवाई तेज,अब तक दो लाख 17 हजार 969 होर्डिंग्स-पोस्टर हटाए गए

संपत्ति विरूपण अधिनियम की कार्रवाई तेज,अब तक दो लाख 17 हजार 969 होर्डिंग्स-पोस्टर हटाए गए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : October 9, 2018/4:13 pm IST

रायपुर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगने के बाद छत्तीसगढ़ में संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसके तहत 8 अक्टूबर तक शासकीय संपत्तियों से दो लाख 17 हजार 969 होर्डिंग्स, पोस्टर, दीवार लेखन सहित बैनर-झंडे दि हटाए गए हैं। है। समें एक लाख 10 हजार 286 होर्डिंग्स और पोस्टर 69 हजार 745 दीवार लेखन और 37 हजार 917 बैनर-झंडे आदि शामिल हैं। शासकीय संपत्तियों के साथ-साथ निजी संपत्तियों से भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने बताया कि 7 अक्टूबर की अवधि तक एक लाख 34 हजार 578 होर्डिंग्स एवं पोस्टर, दीवार लेखन, बैनर-झंडे हटा गए। समें 74 हजार 645 होर्डिंग्स एवं पोस्टर 41 हजार 642 दीवार लेखन और 18 हजार 291 बैनर-झंडे आदि शामिल है। इसी प्रकार 8 अक्टूबर को 83 हजार 391 सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई। नमें 35 हजार 641 होर्डिंग्स एवं पोस्टर, 28 हजार 104 दीवार लेखन और 19 हजार 646 बैनर-झंडे हटा गए। बता दें कि प्रदेश में 6 अक्टूबर से आदर्श आचार संहिता प्रभावशील कर दी गई है, इसे दृष्टिगत रखते हुए सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है। जो आगे भी जारी रहेगी।

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नियंत्रण कक्ष स्थापित

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। इस नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर 0771-4913677 है। संपत्ति विरूपण संबंधी शिकायतों के लिए इस फोन नंबर पर भी कोई भी नागरिक सूचना दे सकते हैं।

 क्या है संपत्ति विरूपण अधिनियम

संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा-3 में उल्लेख है कि कोई भी जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति से स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थों से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से जो 1000 रूपए तक का हो सकेगा वो दण्डनीय होगा। अधिनियम के तहत जारी आदेश में यह कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी द्वारा किसी निजी संपत्ति पर बैनर लगाने, पोस्टर चिपकाने, चुनाव प्रचार से संबंधित झंडे लगाने या रंग, खड़िया से लिखे जाने से पूर्व निजी संपत्ति के स्वामी की लिखित सहमति, से संभावित दस्तावेज निर्वाचन कार्यालय में आवश्यक रूप से उपलब्ध करा

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इसमें ये भी कहा गय है कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी अपने समर्थकों, अनुयायियों को झंडे लगाने, बैनरों को लटकाने, नोटिसों को चिपकाने, नारे आदि लिखने के लिए सम्पत्ति स्वामी की अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगे। इसमें भवन, भूमि, अहाता आदि शामिल है। यदि बिना सहमति से किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगा हो, पोस्टर चिपका हो, चुनाव प्रचार संबंधी झंडे लगे हो या रंग अथवा खड़िया से लिखकर सम्पत्ति को विरूपित किया जाना पाया जाएगा तो, सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत न केवल दंडित किया जाएगा बल्कि उसे हटा जाने में होने वाले खर्ज की वसूली भू-राजस्व बकाया की भांति निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी, राजनीतिक दल आदि से की जाएगी। इसके साथ ही साथ होने वाले व्यय को राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

वेब डेस्क, IBC24

 
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