पेंड्रा। विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रशासन विभिन्न माध्यमों से मतदाताओं को जागरूक कर रही है। लेकिन उसके बाद भी कुछ जगह ये हाल है कि मतदाताओं को न प्रत्याशी के बारे में जानकारी है और न ही चुनाव की तारीख की। इस इलाके के आदिवासी बैगा मतदान को लेकर अब भी अनजान हैं ।
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दरअसल पूरा मामला मरवाही विधानसभा के साल्हेघोरी गांव का है जहां अमूनन बैगा जनजाति के वोटर हैं और यहां के वोटर के मतदान की तिथि के साथ ही साथ क्षेत्र में कितने प्रत्याशी चुनाव लड रहें हैं इसकी भी जानकारी नहीं है जबकि मतदान के लिए एक सप्ताह का समय ही शेष है। वैसे तो प्रशासन विभिन्न नुक्कड माध्यमें से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम कर लोगों को वोट के लिए प्रेरित कर औपचारिकता पूरी कर ली है परप्रशासन के मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रहने वाले बैगा आदिवासी कितने जागरूक हुये हैं इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जहां के गौरेला ब्लाक दूरस्थ पहाडी इलाके में बसे साल्हेघोरी , बेंदरपानी के बैगाओं को मतदान की तिथि की जानकारी ही नहीं है ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में चुनाव होने की जानकारी तो है पर कब मतदान होना है अैर कितने प्रत्याशी चुनाव लड रहें है इसकी जानकारी नहीं है तो वहीं इस दौरान मतदान होने पर वोट छूट जाने की आशंका भी व्यक्त कर रहें हैं साथ ही कुछ ग्रामीणों का कहना है कभी कभी चौक चौराहो पर प्रत्याशियों द्वारा कराये जा रहें नाच गाना की आवाज सुनाई तो पडती है पर नाच गाना वाले बिना जानकारी दिये कार्यक्रम कर वापस लौट जातें है।