संरक्षित बैगा जनजाति के 25 से ज्यादा लोगों को बेंगलुरु में बनाया बंधक, छुड़ाने जाएगी टीम

संरक्षित बैगा जनजाति के 25 से ज्यादा लोगों को बेंगलुरु में बनाया बंधक, छुड़ाने जाएगी टीम

संरक्षित बैगा जनजाति के 25 से ज्यादा लोगों को बेंगलुरु में बनाया बंधक, छुड़ाने जाएगी टीम
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: June 21, 2018 10:18 am IST

कवर्धा छत्तीसगढ़ में संरक्षित बैगा जनजाति के 25 से अधिक लोगों को बेंगलुरु में बंधक बना लिया गया है। जिले के वनांचल गांव में निवासरत इन बैगा जाति के 25 से अधिक लोगों को अच्छी नौकरी व सैलरी देने का झांसा देकर एक दलाल अपने साथ बेंगलुरु ले गया। वहां पिछले 4 माह से बंधक बना कर रखा हैकिसी तरह से गांव की महिला सजन बाई वहां से भागने में कामयाब रही। उसने ही अपने गांव पहुंचकर मामले की जानकारी अन्य ग्रामीणों का दी। सभी बंधक परिवारों के सदस्यों ने आज कवर्धा पहुंचकर मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है।

बताया जा रहा है कि बेंगलुरु के काठबाड़ी में जूस बनाने वाली कंपनी पल्प के दलाल यहां से दर्जनों लोगों को ले  । वहां अब न तो उन्हें ठीक से खाना दिया जाता है और नही मजदूरी का पैसा। बच्चों को भी काम के समय से कमरे में बंद कर दिया जाता हैं। अब ग्रामीणों ने अपनेअपने परिजनों को वहां से वापस लाने की गुहार पुलिस अधीक्षक से लगाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर एक टीम बनाकर बैगलोर रवाना भेजने की तैयारी कर रहे हैं है ताकि सभी लोगों को वहां से लाया जा सकें।

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कवर्धा जिले के कुकदूर थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत अमनिया, बदना सहित आसपास के गांवों के लगभग 25 से अधिक बैगा जनजाति के लेागों को चार माह पहले एक दलाल अपने साथ ये कहकर बेंगलुरु ले गए कि वहां 10 हजार वेतन दिया जागा और सभी सुविधाएं मिलेगीइसी झांसे में आकर दर्जनों बैगा युवकयुवतियां व महिलाएं अपने परिवार सहित बेंगलुरु की काठीबाड़ी में जूस बनाने की पल्प कंपनी चले गए। लेकिन हां पहुंचते ही प्रताना का दौर शुरू हो गया। उनसे 15 से 20 घंटे तक काम लिया जाने लगा, मजदूरी के नाम पर मात्र 200 रूपए सप्ताह में दिया जाता है

यही नहीं छोटे छोटे बच्चों को एक कमरे में बंद कर रखा जाता था। अपने परिजनों से भी घर में बात नहीं करने दिया जाता था। किसी तरह से कंपनी के लोगों से चंगुल से सजन बाई बैगा भागने में कामयाब रही तथा अपने गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ग्रामीणों को दी। जानकारी मिलने के बाद गांव के लोगों ने आज कवर्धा पहुंचकर मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है।

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वहीं एक बार फिर से बैगा के बंधक बनाने का मामला सामने आने के बाद श्रम विभाग व बैगा जनजातियों के हितैषी कहे जाने वालों की पोल खुलकर सामने आ चुकी है। मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने भी कलेक्टर से मिलकर एक टीम गठित कर बैंगलुरू भेजने के निर्दे दिये हैं। टीम में पुलिस व राजस्व विभाग के साथ श्रम विभाग के अधिकारियों की टीम भी कल रवाना की जागी।

वेब डेस्क, IBC24


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