बालासुब्रमण्यम की आवाज बॉलीवुड में भी छाई रही

बालासुब्रमण्यम की आवाज बॉलीवुड में भी छाई रही

बालासुब्रमण्यम की आवाज बॉलीवुड में भी छाई रही
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: September 25, 2020 5:02 pm IST

मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) मशहूर गायक एस पी बालासुब्रमण्यम ने पांच दशक लंबे अपने करियर में 16 भाषाओं के 40,000 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी, लेकिन वह हिंदी सिनेमा में रोमांस, जोशीले और मस्ती भरे गानों के लिए याद किए जाएंगे।

गायक का शुक्रवार को 74 साल की उम्र में चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया, जहां उनका कोविड-19 का उपचार चल रहा था।

बालासुब्रमण्यम ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत 1981 में कमल हासन पर फिल्माए गए गाने ”एक दूजे के लिए” को अपनी आवाज देकर की। इसके बाद उन्होंने 1990 के दशक और बाद में भी कई हिंदी गानों को अपनी आवाज दी, जिनमें ”मैंने प्यार किया” और ”रोजा” आदि प्रमुख हैं।

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हालांकि बालासुब्रमण्यम ने ज्यादातर गाने तमिल और तेलुगु फिल्मों में ही गाए हैं, लेकिन उन्होंनें 1980 और 1990 के दशक में बॉलीवुड के रोमांटिक गीतों को अपनी आवाज दी।

उन्होंने आखिरी बार हिंदी सिनेमा में शाहरुख खान की 2013 में आई ”चेन्नई एक्सप्रेस” में एक गाने को अपनी आवाज दी थी।

बालासुब्रमण्यम ने बॉलीवुड में सलमान खान के अनेक गीतों को स्वर दिया और 1990 के दशक में मानो वह सलमान की आवाज ही बन गये थे। ‘मेरे रंग में रंगने वाली’, ‘पहला पहला प्यार है’, ‘मौसम का जादू’ और ‘हम आपके हैं कौन’ इनमें से कुछ हैं।

छह बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बालासुब्रमण्यम को “ एक दूजे के लिए“ गीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। यह हिंदी फिल्म जगत में उनका पहला गाना था।

साल 1985 में आई “सागर“ फिल्म के “ सच मेरे यार“ और “ओ मारिया“ गानों ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई।

“सागर“ के बाद, 1989 में नायक के तौर पर सलमान खान की पहली फिल्म “मैंने प्यार किया“ में बालासुब्रमण्यम ने कई गानों को अपनी आवाज दी।

“कबूतर जा जा जा“,“आते जाते हंसते गाते“,“ आजा शाम होने आई“,“ मेरे रंग में रंगने वाली“,“ मैंने प्यार किया“, और दिल दीवाना“ जैसे गाने 1990 के दशक में पले बढ़े बच्चों की बचपन की यादों का अब भी हिस्सा है।

भाषा

नोमान मनीषा

मनीषा


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