छत्तीसगढ़ की राजधानी सहित 6 शहरों में जनवरी तक पटाखे बैन, क्रिसमस और नव वर्ष पर 35 मिनट की छूट
छत्तीसगढ़ की राजधानी सहित 6 शहरों में जनवरी तक पटाखे बैन, क्रिसमस और नव वर्ष पर 35 मिनट की छूट
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने राजधानी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के छह बड़े शहरों में पटाखों पर आज एक दिसम्बर से 31 जनवरी 2019 तक दो महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग ने पिछले वर्ष भी यह प्रतिबंध लगाया था। विभाग ने वायु प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह कदम उठाया है। ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण को कम करने, नियंत्रित रखने और पर्यावरण को स्वच्छ तथा स्वास्थ्य वर्धक बनाए रखने के लिए पटाखों पर यह प्रतिबंध लगाया गया है।
राजधानी रायपुर के अलावा जिन बड़े शहरों में यह पाबंदी लगाई गई है, उनमें बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ और कोरबा भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य वायु प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित है। हालांकि क्रिसमस और नव वर्ष को ध्यान में रखकर रात्रि 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखें फोडे जाने की अनुमति रहेगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने रिट पिटीशन (सिविल) क्रमांक 728/2015 अर्जुन गोपाल विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया पर आदेश पारित करते हुए पटाखों के उपयोग के संबंध में राज्यों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिनमें क्रिसमस और नव वर्ष के अवसर पर रात्रि 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे फोड़े जाने की अनुमति दी गई है।
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गौरतलब है कि ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर बढता है, इसे निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाये रखने के लिये यह निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ पर्यावरण संक्षण मण्डल द्वारा प्रदूषण की जीरो टॉलरेंस की नीति है और इसलिये प्रदूषण को कम करने के लिये समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। मण्डल द्वारा प्रतिबंध के संबंध में लिया गया यह निर्णय उसी कडी का एक हिस्सा है। पिछले 02 वर्षों से किये जा रहे लगातार प्रयासों के फलस्वरूप रायपुर की प्रदूषण स्तर में काफी सुधार हुआ है और वायु की गुणवत्ता बेहतर हुई है। रायपुर को ग्रीड में बांट कर मॉनिटरिंग की जा रही है। फलस्वरूप रायपुर का प्रदूषण घट कर गुड की श्रेणी में आ गया है। दिपावली में भी प्रदूषण के स्तर में कमी आई है।

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