बजरा तीन दिन तक अनियंत्रित था: चालक दल के सदस्य | Barge was unchecked for three days: crew member

बजरा तीन दिन तक अनियंत्रित था: चालक दल के सदस्य

बजरा तीन दिन तक अनियंत्रित था: चालक दल के सदस्य

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : May 18, 2021/4:21 pm IST

मुंबई, 18 मई (भाषा) बॉम्बे हाई के पास तैनात ‘पी-305’ बजरा ‘ताउते’ तूफान की वजह से अरब सागर में डूबने से पहले तीन दिन तक ‘अनियंत्रित’ था। इससे सकुशल बचाए गए चालक दल के एक सदस्य ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालक दल के 261 सदस्यों में अबतक 180 को बचाया जा चुका है।

चक्रवात के गुजरात की ओर बढ़ने के बीच बजरा सोमवार शाम को डूब गया था।

बजरा हीरा प्लेटफॉर्म पर तैनात था जो बॉम्बे हाई पर ओएनजीसी के सबसे बड़े रिंग में शामिल है। वहीं, बॉम्बे हाई ओएनजीसी की सबसे बड़ी तेल एवं गैस संपत्ति है।

चालक दल के सदस्य अविनाश आदके ने बताया कि बजरा तीन दिन तक ‘अनियंत्रित’ था और तटरक्षक बल से मदद मांगी गई थी।

दक्षिण मुंबई में अलीबाग के पास लंगर डाले हुए बजरा तट से अपेक्षाकृत करीब था और वहां मोबाइल फोन कनेक्टिविटी भी थी, इसलिए मदद अन्य पोतों पर भेज दी गई।

उन्होंने बताया, “ हमारा बजरा क्षतिग्रस्त हुआ तो वे (नौसेना) सबकुछ छोड़कर युद्धस्तर पर हमारी मदद के लिए आए।”

वह तट पर पहुंचने के बाद मुंबई में एक नौसेना अड्डे पर बोल रहे थे।

आदके ने कहा, “ बजरा पर स्थिति गंभीर थी, इसलिए हमने अपने परिवार के सदस्यों को फोन किया और कहा कि हम सुरक्षित हैं और चिंता की कोई बात नहीं है।”

महाराष्ट्र के सतारा जिले के रहने वाले अंकित नलवाडे ने कहा कि जबतक बजरा तैरता रहा तबतक किसी ने पानी में छलांग लगाने की कोशिश नहीं की।

वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि बजरा सोमवार को जब डूबा तब उसपर 261 लोग मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि इसके बाद खोज एवं बचाव अभियान चलाया गया जो चार दशक में नौसेना द्वारा चलाया गया सबसे चुनौतिपूर्ण अभियान था।

पवार ने कहा, “ मुख्य चुनौती मौसम की थी। यह गंभीर चक्रवाती स्थिति थी, तेज हवाएं चल रही थीं और समुद्र की लहरों की ऊंचाई 6-8 मीटर थी, लगातार बारिश हो रही थी, आसमान में बादल छाए हुए थे और तकरीबन शून्य दृश्यता थी।”

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

 

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