भाजपा राज में बढ़ते अपराधों के कारण विश्‍व में कुख्‍यात हो गया उत्तर प्रदेश : अखिलेश यादव

भाजपा राज में बढ़ते अपराधों के कारण विश्‍व में कुख्‍यात हो गया उत्तर प्रदेश : अखिलेश यादव

भाजपा राज में बढ़ते अपराधों के कारण विश्‍व में कुख्‍यात हो गया उत्तर प्रदेश :  अखिलेश यादव
Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 pm IST
Published Date: January 9, 2021 12:34 pm IST

लखनऊ, नौ जनवरी (भाषा) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर चिंता जाहिर करते हुए राज्‍यपाल का ध्‍यान आकर्षित किया है।

यादव ने कहा, ” भारतीय जनता पार्टी के राज में बढ़ते अपराधों से उत्तर प्रदेश विश्व में कुख्यात हो गया है और कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। जनता का भरोसा भी भाजपा सरकार से टूट गया है। आशा की जाती है कि अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते हुए राज्यपाल महोदया प्रदेश में बढ़ते अपराधों का संज्ञान अवश्य लेंगी।”

सपा मुख्‍यालय से शनिवार को जारी बयान के अनुसार पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा, ” प्रदेश में भाजपा के कुशासन के चलते अपराधियों को खुली छूट मिली हुई है और मुख्यमंत्री की कागज़ी सख्ती और बड़बोलापन लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। महिलाओं, बच्चियों से छेड़खानी, दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।”

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यादव ने कहा, ”महिलाओं की सुरक्षा पर असंवेदनशील और असफल भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश दुराचार प्रदेश बन गया है। सरेआम राजधानी में भी गोलियां चल रही हैं। दहशत के इस माहौल में भी मुख्यमंत्री ‘ठोक दो’ और ‘राम नाम सत्य कर दो’ का जाप अलाप रहे हैं।”

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने प्रदेश में अपराध की घटनाओं का सिलसिलेवार ब्‍योरा देते हुए कहा, ” राजधानी लखनऊ में विभूतिखण्ड में सरेआम गोलियां चली और लूट, अपहरण की घटनाएं रोज ही होती हैं। मुरादनगर में श्मशान दलाली कांड में 25 जाने गई और इसने साबित कर दिया है कि श्मशान पर राजनीति करने वाली भाजपा का भ्रष्टाचार कोई भी जगह नहीं छोड़ता है।”

उन्‍होंने कहा,” सत्ता संरक्षित जानलेवा शराब का धंधा भी खूब चल रहा है। बुलंदशहर के जीतगढ़ी में ज़हरीली शराब पीकर कई लोगों की जाने गई, गत तीन वर्षों में दर्जनों जिलों में शराब पीकर मरने वालों की गिनती बढ़ती गई है और पुलिस की लापरवाही ने कितने ही परिवारों को बेसहारा कर दिया है।”

भाषा आनन्‍द धीरज

धीरज


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