उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भाजपा छह और निर्दलीय एक सीट पर आगे

उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भाजपा छह और निर्दलीय एक सीट पर आगे

उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भाजपा छह और निर्दलीय एक सीट पर आगे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: November 10, 2020 8:17 am IST

लखनऊ, 10 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी छह सीटों पर आगे चल रहे हैं जबकि शेष एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को बढ़त मिल रही है।

इन सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव हुये थे। इन सात सीटों में से पिछले विधानसभा चुनाव में छह सीटें भाजपा के पास थीं, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गयी थी।

मंगलवार को इन सात सीटों पर मतगणना के रुझानों में भाजपा की उषा सिरोही बुलंदशहर सीट से आगे चल रही हैं, जबकि टूंडला सीट से पार्टी के प्रेमपाल डांगर आगे चल रहे है।

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भाजपा प्रत्याशी श्रीकांत कटियार (बांगरमऊ), उपेंद्रनाथ पासवान (घाटमपुर), सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी (देवरिया) और संगीता चौहान (नौगांव सादात) अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं।

मल्हनी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी धनंजय सिंह बहुत कम मतों से समाजवादी पार्टी के लकी यादव से आगे चल रहे हैं।

बुलंदशहर में भाजपा की उषा सिरोही बसपा के मो यूनुस से 7,175 वोटों से आगे हैं। वहीं टूंडला में भाजपा के प्रेमपाल सिंह डांगर सपा के महाराज सिंह डांगर से 3,925 वोटो से आगे हैं। बांगरमउ सीट पर भाजपा के श्रीकांत कटियार कांग्रेस की आरती बाजपेयी से 12,062 वोटो से आगे हैं।

घाटमपुर सीट पर भाजपा के उपेंद्र नाथ पासवान बसपा के कुलदीप शंखवार से 1,934 वोटों से आगे हैं। देवरिया में भाजपा के सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी सपा के ब्रह्मशंकर त्रिपाठी से 4,816 वोटों से आगे हैं।

नौगांव सादात सीट पर पहले समाजवादी पार्टी के जावेद अब्बास आगे चल रहे थे लेकिन अब वह पिछड़ गये हैं और यहां से भाजपा की संगीता चौहान 949 वोटों से आगे चल रही हैं।

यह सीट योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रहे पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान के निधन के बाद रिक्त हुई थी और अब भाजपा ने उनकी पत्नी संगीता को उम्मीदवार बनाया है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुये उपचुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई।

इनमें मल्हनी सीट पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के खाते में गयी थी बाकी सीटों पर भाजपा का ही कब्जा था।

भाषा जफर वैभव

वैभव


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