बंबई उच्च न्यायालय ने पायलटों के टीकाकरण की जानकारी मांगी

बंबई उच्च न्यायालय ने पायलटों के टीकाकरण की जानकारी मांगी

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  • Publish Date - July 14, 2021 / 02:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एक पायलट संघ को वंदे भारत मिशन के लिए तैनात पायलटों की संख्या और उनकी ड्यूटी के घंटों जैसी जानकारी देने को कहा। अदालत ने यह भी जानना चाहा कि अब तक कितने पायलट को कोविड-19 का टीका लगाया गया है।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन पायलटों के लिए मुआवजे की मांग की गई है, जिनकी ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई।

याचिका में पायलटों को यह कहते हुए टीकाकरण में प्राथमिकता देने और बीमा कवर की मांग की गई है कि वे आवश्यक सेवा प्रदान कर रहे हैं। साथ ही इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले पायलटों के परिवारों को 10-10 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रसाद ढकेफलकर ने कहा कि फरवरी 2021 से अब तक कम से कम 13 भारतीय पायलटों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि पायलट अग्रिम मोर्चे के कर्मी हैं, जो महामारी के बीच काम कर रहे है। उन्हें मुआवजे के अलावा टीकाकरण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

भारत सरकार ने कोरोनो वायरस प्रकोप और फिर लॉकडाउन के बाद विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन शुरू किया था।

पीठ ने कहा कि याचिका पर आगे सुनवाई से पहले वह तथ्य और आंकड़े देखना चाहेगी।

अदालत ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि कितने पायलटों को टीका लगाया जाना बाकी है, कितने को टीका लगाया गया है, कितने पायलट वंदे भारत की उड़ानों में तैनात हैं … उनकी ड्यूटी के घंटे वगैरह क्या हैं ।”

पीठ ने महासंघ को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया । इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिये स्थगित कर दी।

भाषा जोहेब उमा

उमा