केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है एमपीलैड का निलंबन: बंबई उच्च न्यायालय

केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है एमपीलैड का निलंबन: बंबई उच्च न्यायालय

केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है एमपीलैड का निलंबन: बंबई उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: November 24, 2020 2:48 pm IST

मुंबई, 24 नवंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) को निलंबित करना और इसकी निधि का इस्तेमाल कोविड-19 से निपटने के लिए करना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने योजना के इस साल अप्रैल में दो साल के लिए निलंबन करने के विरोध में वकील शेखर जगताप के जरिए दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। इस योजना के तहत सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए निधि मुहैया कराई जाती है।

पीठ ने यह भी कहा कि उसे इस मामले में जगताप के पक्षकार बनने के अधिकार को लेकर संदेह है।

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उसने कहा कि यदि किसी सांसद को लगता है कि वह एमपीलैड योजना के निलंबन के कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, तो वह इस अदालत में आ सकते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘सांसद परिपक्व एवं जिम्मेदार व्यक्ति हैं। वे इस प्रकार की बात के लिए कभी हमारे पास नहीं आएंगे। वैश्विक महामारी के दौरान देश को अपने सभी प्रयास अपने स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में करने की आवश्यकता है।’’

पीठ ने कहा कि जगताप को कुछ तैयारी करनी चाहिए थी और यह दर्शाने के लिए आंकड़े मुहैया कराने चाहिए थे कि क्या योजना के निलंबन के कारण लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है?

जगताप ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीलैड) योजना को निलंबित करने के लिए इस साल अप्रैल में आपदा प्रबंधन कानून लागू करने को लेकर आपत्ति जताई थी।

अदालत ने कहा, ‘‘यह (कोविड-19) एक आपदा है, इसलिए सरकार को आपदा प्रबंधन कानून की मदद लेनी पड़ी। यह कानून लागू करना उसका अधिकार है।’’

उसने जगताप को बुधवार को मामले में लिखित अभ्यावेदन देने का आदेश दिया।

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव


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