केंद्र किसानों की सहिष्णुता का इम्तिहान न ले : शरद पवार, जल्द नहीं लिया फैसला तो अन्यत्र भी फैल सकती है आंदोलन की आग

केंद्र किसानों की सहिष्णुता का इम्तिहान न ले : शरद पवार, जल्द नहीं लिया फैसला तो अन्यत्र भी फैल सकती है आंदोलन की आग

केंद्र किसानों की सहिष्णुता का इम्तिहान न ले : शरद पवार, जल्द नहीं लिया फैसला तो अन्यत्र भी फैल सकती है आंदोलन की आग
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: December 11, 2020 10:52 am IST

मुम्बई, 11 दिसंबर (भाषा) । केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को सरकार से कृषकों की सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लेने का आह्वान किया।

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया तो दिल्ली की सीमाओं पर चला रहा प्रदर्शन अन्यत्र भी फैल सकता है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा विस्तृत चर्चा की मांग किये जाने के बावजूद संबंधित कृषि विधेयक संसद में ‘हड़बड़ी’ में पारित किये गये थे ।

 ⁠

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन: …और कितने दिन? निकलेगा हल या फिर..

विभिन्न राज्यों के किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर करीब दो सप्ताह से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बार्डरों पर डेरा डाले हुए हैं।

किसानों का कहना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुरक्षा जाल खत्म कर देंगे और उनकी आमदनी पक्की करने वाली मंडियां भी हट जाएंगी। लेकिन सरकार के अनुसार एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नये कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और विकल्प उपलब्ध करायेंगे।

पवार ने कहा, ‘‘ आज किसानों ने कानूनों को वापस लेने की कड़ी मांग की है और कहा है कि इस मुद्दे पर बाद में चर्चा की जा सकती है। लेकिन इस पर केंद्र का रूख अनुकूल नहीं जान पड़ता है। इसलिए ऐसे संकेत हैं कि गतिरोध कुछ और दिन चल सकता है।’’

ये भी पढ़ें- भाजपा-कांग्रेस में हुआ गठबंधन! बीटीपी ने आरोप लगाते हुए कहा- सामने आया दोनों दलों का

वरिष्ठ नेता ने कहा कि करीब 700 टैक्ट्ररों से और लोग शुक्रवार सुबह प्रदर्शन से जुड़ने के लिए दिल्ली बार्डर पर पहुंचे।

उन्होंने कहा,‘‘ यह प्रदर्शन दिल्ली के बार्डर तक सीमित है। लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह अन्यत्र भी फैल सकता है।’’

राकांपा नेता ने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि किसान देश का अन्नदाता है और उसकी सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लिया जाना चाहिए।’’

पवार ने बृहस्पतिवार को मीडिया में आयी इन अटकलों को खारिज किया कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अध्यक्ष बन सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह झूठी खबर है। ऐसी झूठी खबरें न चलाएं।’’

उन्होंने केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे द्वारा किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान के हाथ होने के बयान पर कहा, ‘‘ कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें यह समझ नहीं होती है कि कहां और कैसे क्या बोलना है। उन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिये थे।’’


लेखक के बारे में