रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में पिछले 15 सालों से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस इस बार दमखम लगा कर सत्ता पर आसीन होना चाहती है मगर इसके पहले कांग्रेस के नेताओं के बीच सीए बनने की होड़ सी लग गई है। पहले नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने खुद सीएम बनने की इच्छा जाहिर कर पार्टी में खलबली मचा दी थी तो अब इसमें एक और नाम जुड़ गया है। वर्तमान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके ने भी खुद को सीएम का चेहरा होने का दावा किया है। रामदयाल उइके ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी में दावा करने का अधिकार सबको है और अगर आदिवासी कार्ड चलेगा तो वह भी लाइन में है और यह बात उन्होंने पहले ही संगठन में भी कह दी है। यही नहीं उईके ने तो यहा तक कह दिया की जब सब दावेदारी कर रहे है तो फिर आदिवासी क्यों पीछे रहेगा। अब आदिवासी कही पीछे नहीं रहेगा।
यह भी पढ़ें – अमित जोगी के जन्मस्थान के मसले पर गृह मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी हाजिर हो…
दरअसल कांग्रेस ने आगामी 2018 चुनाव के लिए अब तक कोई चेहरा मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया है। कांग्रेस राहुल और सोनिया के साथ वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रही है। मगर इसके पहले नेताओं के द्वारा खुद सीएम बनने की इच्छा सामने आने लगी है कुछ दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंह देव ने अपने एक बयान में कहा था कि वह खुद सीएम बनने की कतार में हैं। अभी इस मामले पर कांग्रेस में खलबली मची ही थी कि फिर एक नेता ने खुद को सीएम का चेहरा बता कर बड़ी खलबली मचा दी है। पाली तानाखार विधायक और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके ने कहा कि आदिवासी कार्ड अगर चलता है तो वह भी मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह बात उन्होंने पहले ही संगठन में भी रख दी है।
यह भी पढ़ें – सड़क किनारे पड़े टिफिन को छूते ही हुआ बड़ा ब्लास्ट, 3 की मौत
हालांकि उईके ने यह भी कहा कि हर वर्ग से कोई ना कोई दावेदारी करता है और दावा करने का अधिकार सबको है। उईके ने ये भी बात कही की पार्टी में चरणदास महन्त केंद्रीय मंत्री रहने के कारण दावेदार है, भूपेश प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण दावेदार है और टीएस सिंह ने अपनी दावेदारी की है ऐसे में आदिवासी नेता कैसे पीछे रह सकते है। इस बीच रामदयाल ने ये जरूर दलील दी की कांग्रेस में मुख्यमंत्री कौन और किस वर्ग से होगा इसका फैसला हाईकमान तय करता है। ऐसे में जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक के बाद एक खुद को सीएम का चेहरा बता रहे हैं वह कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है क्योंकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने चेहरा इसीलिए तय नहीं किया है कि सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ सके मगर यहां नेता एकजुट होने के बजाय खुद की दावेदारी करने में मस्त हैं।
वेब डेस्क, IBC24