पुलिस कर्मियों के परिवार वालों के आंदोलन की चेतावनी से हड़कंप, अफसरों ने बताया असंवैधानिक
पुलिस कर्मियों के परिवार वालों के आंदोलन की चेतावनी से हड़कंप, अफसरों ने बताया असंवैधानिक
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के कर्मियों के परिवार वालों के आंदोलन की चेतावनी से महकमे में हड़कंप है। पुलिस मुख्यालय के अफसर का कहना है पुलिस कर्मियों के धरना प्रदर्शन में आपत्ति नहीं है, लेकिन पुलिसकर्मियों के परिवार द्वारा धरना प्रदर्शन कर मांग मनवाना उचित नहीं है। उन्हें कोई परेशानी या फिर उनकी मांग है, तो उसे बताना चाहिए। उनका हल निकला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पुलिस परिवार की तरफ से शुक्रवार को जिला प्रशासन को आवेदन देकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी गई थी। इसके फैलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। पुलिस अफसरों ने दिनभर आवेदन और अभिमत मांगने की प्रति वायरल करने वालों की खोजबीन की जाती रही। शनिवार को भी पुलिस दफ्तरों में चर्चा होती रही।
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पुलिसकर्मियों के परिवार वालों की मांग है कि नक्सल क्षेत्र में तैनात पुलिस जवानों की बीमा राशि एक करोड़ रुपए की जाए, ताकि उनके साथ अनहोनी होने पर उनके परिवार को अपनी मूल जरूरतों को पूरा करने भटकना ना पड़े। वहीं, आरक्षक से एसआई तक के मूल वेतनमान को बढ़ाया जाए। साइकिल भत्ते की जगह पेट्रोल भत्ता दिया जाए। सरकारी सेवा के लिए उन्हें मोबाइल भत्ता दिया जाए। दूसरे सरकारी विभागों की तरह पुलिस जवानों की 8 घंटे ड्यूटी निर्धारित की जाए। हफ्ते में एक दिन उन्हें सरकारी अवकाश दिया जाए।
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पुलिस मुख्यालय के अफसरों का कहना है कि पुलिस जवानों के वेतनमान से लेकर अन्य सुविधाएं बढ़ी हैं। पुलिसकर्मियों के लिए 10 हजार आवास बनाए जा रहे हैं। साथ ही भत्तों में भी बढ़ोतरी हुई है। सरकार का मानना है कि नक्सल क्षेत्र से मैदानी क्षेत्र तक पुलिस को बीते एक दशक में काफी सुविधाएं मिली हैं। उसके बाद भी पुलिसकर्मियों के वेतनमान और भत्ता समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में प्रयास चल रहा है। इसके लिए धरना-प्रदर्शन कर मांग मनवाना उचित नहीं है।
वेब डेस्क IBC 24

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