खुद की मांग पूरी नहीं कर पाने के बावजूद छत्तीसगढ़ बेच रहा है अन्य राज्यों को बिजली

खुद की मांग पूरी नहीं कर पाने के बावजूद छत्तीसगढ़ बेच रहा है अन्य राज्यों को बिजली

खुद की मांग पूरी नहीं कर पाने के बावजूद छत्तीसगढ़ बेच रहा है अन्य राज्यों को बिजली
Modified Date: November 29, 2022 / 07:56 pm IST
Published Date: February 15, 2018 11:01 am IST

पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में मांग की तुलना में लगभग 407 करोड़ यूनिट कम बिजली का उत्पादन हुआ है। अर्थात जो छत्तीसगढ़ एक समय पावर सरप्लस राज्य था वह पिछले 14 वर्षों में डॉ रमन सिंह के राज में पावर डेफिसिट राज्य हो गया है। यह चौंकाने वाला खुलासा विधानसभा में मरवाही विधायक अमित जोगी के प्रश्न पर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए जवाब से हुआ है। 

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 अमित जोगी ने मुख्यमंत्री से पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में हुए बिजली उत्पादन और बिजली की खपत की जानकारी मांगी। जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 – 2016 से वर्ष 2017 – 2018 तक 4745.378 करोड़ यूनिट (47453.78 मिलियन यूनिट) बिजली का उत्पादन हुआ है वहीँ 5152.231 करोड़ यूनिट (51522.31 मिलियन यूनिट) बिजली की खपत हुई है। अर्थात जितना उत्पादन हुआ उससे लगभग 407 करोड़ यूनिट ज्यादा बिजली खपत हुई। इसका सीधा अर्थ है कि छत्तीसगढ़ पावर डेफिसिट राज्य बन गया है।

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 इन 14 वर्षों में ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह रहे हैं। दूसरी चौकाने वाली बात यह है कि एक तरफ छत्तीसगढ़ खुद की बिजली खपत की मात्रा पूर्ति नहीं कर पा रहा है लेकिन दूसरे राज्यों को बिजली बेच रहा है।

मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ ने केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को 620.88 करोड़ यूनिट (6208.83 मिलियन यूनिट) बिजली बेची है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि विधायक श्री अमित जोगी ने यह प्रश्न दिनांक 13 फरवरी की प्रश्नोत्तरी में पूछा था लेकिन उस दिन विधानसभा में अवकाश घोषित हो जाने के कारण इस प्रश्न को 15 फरवरी की अतारांकित प्रश्नों की सूची में शामिल किया गया। 

web team IBC24

 


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