बस्तर दशहरा में मावली परघाव में शामिल हुए सीएम, प्रदेश वासियों को दी दशहरा की शुभकामनाएं
बस्तर दशहरा में मावली परघाव में शामिल हुए सीएम, प्रदेश वासियों को दी दशहरा की शुभकामनाएं
जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बस्तर दशहरे में मावली परघाव में शामिल हुए। सीएम ने देवी दंतेश्वरी मावली माता की डोली की अगुवाई की और देवी से आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होने प्रदेश के लिए मंगलकामनाएं की। वहीं सीएम ने कहा कि बस्तर दशहरे का अलग ही महत्व है, जहां सभी इलाकों से आदिवासी देवता आमंत्रित किए जाते हैं। सीएम ने कहा कि एक अनोखी परंपरा अपनी अलग ही पहचान बनाती है, इस पर्व में शामिल होना मेरे लिए खुशी की बात है। सभी की मनोकामना देवी पूरी करेंगी, वहीं सीएम ने छत्तीसगढ़ के लोगों को दशहरे पर्व की शुभकामना भी दी।
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दंतेवाड़ा से माता मावली की डोली जगदलपुर में रविवार को देर रात पहुंची थी, जिसे गीदम रोड स्थित जिया डेरा में ठहराया गया था। सोमवार को मावली परघाव विधान संपन्न कराया गया, इस महत्वपूर्ण विधान में शामिल होने के लिए करीब 600 ग्राम देवता जगदलपुर पहुंचे। दूरस्थ अंचलों के देवी- देवताओं को विशेष वाहनों से यहां लाया गया। बस्तर दशहरा में शामिल होने पहुंचे देव सबसे पहले मांईजी के मंदिर में पहुंचे, इसके बाद उन्हें देवगुड़ी में ठहराया गया। ये सभी शाम को मावली परघाव में शामिल हुए। माता मावली के दंतेश्वरी मंदिर प्रवेश के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
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बता दें कि बस्तर के तहसीलदार द्वारा बस्तर दशहरा में संभाग के समस्त ग्रामों के देवी देवताओं को दशहरा में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा जाता है। जिसमें 6166 ग्रामीण प्रतिनिधि बस्तर दशहरे की पूजा विधान को संपन्न कराने के लिए विशेष तौर पर शामिल होते हैं। इसके साथ ही हजारों देवी देवताओं के साथ लाखों ग्रामीण बस्तर दशहरा शामिल होते हैं। बस्तर की स्थानीय मूल देवी मावली माता को माना जाता है। यही कारण है कि बस्तर दशहरा का सबसे आकर्षण का केंद्र मावली परघाव पूजा विधान के रूप में हमें देखने को मिलता है। बस्तर दशहरे में दंतेवाड़ा से यहां पहुंचने वाली मावली माता की डोली मणिकेश्वरी के नाम पर दंतेवाड़ा में देखने को मिलती है।
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