अदालत ने महाराष्ट्र के समुद्र तटों पर बहकर आए कचरे पर जतायी चिंता

अदालत ने महाराष्ट्र के समुद्र तटों पर बहकर आए कचरे पर जतायी चिंता

अदालत ने महाराष्ट्र के समुद्र तटों पर बहकर आए कचरे पर जतायी चिंता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: June 30, 2021 7:14 am IST

मुंबई, 30 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मानसून के दौरान और पिछले महीने आए चक्रवात ताउते के बाद महाराष्ट्र के तट पर समुद्र से बहकर आए कचरे पर बुधवार को चिंता जतायी और कहा कि समुद्र में कूड़ा बहाने से न केवल तटरेखा के लिए दिक्कत पैदा होती है बल्कि समुद्री जनजीवन पर भी इसका असर पड़ता है।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार दबाव में है लेकिन यह समस्या भी बहुत गंभीर है।’’

अदालत ने कहा कि उसने मीडिया में आयी कई खबरें देखी जिसमें समुद्र के तट पर बहकर आए कचरे को दिखाया गया, खासतौर से पिछले महीने आए चक्रवात ताउते के बाद। अदालत ने कहा, ‘‘ये खबरें समुद्र तट की सफाई के संबंध में बहुत ही चिंताजनक स्थिति पेश करती हैं। तटरेखा को हुई दिक्कत के साथ ही समुद्र में कचरा बहाने से समुद्री जनजीवन को भी खतरा है।’’

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पीठ ने कहा कि मुंबई में मरीज ड्राइव समेत राज्य की तटरेखा पर भी यह दिक्कत आ रही है। अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान याचिका दायर करती है।

राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने खबरों पर गौर करने के लिए वक्त मांगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो जुलाई की तारीख तय करते हुए कहा कि उसे पता है कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य प्रशासन पहले ही दबाव में है लेकिन यह समस्या भी ‘‘बहुत गंभीर’’ है। अदालत ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को टालना नहीं चाहते क्योंकि यह अब मानसून के दौरान हो रहा है।’’

भाषा गोला अनूप

अनूप


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